दो शब्द
दो शब्द जो
हमारी संस्कृति की लुटिया
डुबोने में लगे हुये है!
बाय फ्रैंड, गर्ल फ्रैंड.....?
दो शब्द जो
हमारे समाज में हर चीज़ का
पर्दा उठाने में लगे हुये...
विचार
विचार ना जाने,
होते क्या ओर कैसे.....?
ध्यान से सोचो विचार ही,
"सच्चाई" बन जाते है वैसे.....!
विचार सोचोगे अच्छे तो होगा बढिया,
विचार सोचोगे बुरे तो होगा बुरा,
विचार...
प्राणी सेवा से ज्योतिषीय उपाय
अच्छे संस्कार हमारे जीवन को ही आसान नहीं बनाते हैं, ये कुण्डली के कई दोषों के ज्योतिषीय उपाय भी हैं । सुबह उठ कर...
बचपन
याद है वो रंगीला बचपन
हर चीज़ से करते शरारत पलपल,
कोई चिंता नहीं थी ना किसी का ध्यान,
जो करना वो करते थे वो सरेआम,
याद है...
मतलब का पैमाना
जब भी होती है बारिश चाहतों की
मेरी जिंदगी की छत टपकती जरूर है,
कोशिश तो बहुत करता हूं कि
इस बारिश से दूर रहूं,
चाहतों को अपनी...
चांदनी रात में
चांदनी रात में,
रोशनी चांद की,
मेरे दिल को जलाए,
तेरा कोई वजूद नहीं,
पर भी इस दिल को,
याद तेरी ही क्यों आए,
मचलता हूं,
तूझे पाने को,
ईश्क में तेरे,
डूब...
हर इंसान अकेला ही तो होता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवयत्री समाज को अपना साथ न छोड़ने की प्रेरणा दे रही है वह चाहती है हर इंसान अपना दोस्त बन कर...
बरसे अब तो बादल
हुई जब काले घने बादलो में गड़गड़ाहट,
घोसलो में जाते पंछियों में हुई चहचहाहट।
देख कड़कती आसमानी बिजली की चमचमाहट,
कच्ची छत, मेहनत-कश गरीब को हुई घबराहट।
बोई...
कम से कम
प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री समाज से अपने रिश्तों को जोड़े रखने की प्रेरणा दे रही है. वह कहती है कि बड़ी बड़ी बातें छोटी-छोटी...
बिन प्रयत्न सब व्यर्थ
देखो बढ़कर ज़रा, नील गगन में उड़कर
कब तक निर-चेतना असमंजित रहेगी
उज्जवल भविष्य की कामना मात्र
बिन प्रयत्न सब व्यर्थ रहेगी
हांथो पे हाँथ रखे जीवन नहीं...