मैं ही तो हूँ वो जो मुझे समझती है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि इस दुनियाँ की भीड़ में उन्होंने खुदको अपना सच्चा मित्र...
नारी की शक्ति की भी प्रशंसा करो
प्रस्तुत पक्तियों में कवियत्री समाज से याचना कर रही है की नारी को उसका सम्मान वापस दिया जाये, नारी जो एक शक्ति हैं जो...
खुदमे तुझको खोज कर ये मैंने जाना
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री ईश्वर से पूछ रही है कि कैसे दुनियाँ को ये समझाया जाये कि आप हम सब में बसते है लेकिन...
बरसे अब तो बादल
हुई जब काले घने बादलो में गड़गड़ाहट,
घोसलो में जाते पंछियों में हुई चहचहाहट।
देख कड़कती आसमानी बिजली की चमचमाहट,
कच्ची छत, मेहनत-कश गरीब को हुई घबराहट।
बोई...
जब दोनों पक्ष ही लड़ना चाहे, तो शांति कैसे आयेगी?
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि जब क्रोध के बीज दो प्राणियों के मन में पनपते...
जो होता है, अच्छे के लिए ही होता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को यह समझाना चाह रही है कि हमारे साथ जो भी हो रहा है या आने वाले कल में...
ये ज़रूरी नहीं कि हर औरत ही, स्वादिष्ट भोजन बना पाये
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ज़रूरी नहीं हर औरत भोजन बनाने में रूचि रखे। ये...
बेजुबान की भी जुबान होती है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि जो इंसान कम बोलता है इसका मतलब ये नहीं कि...
पथिक चला पश्चिम की ओर
अम्बर हो चला वर्ण रक्तिम
क्षितिज पर है बिखरी रश्मि अंतिम
अग्रसर अपने गंतव्य को
पूर्ण कर अपने कर्त्तव्य को
तिमिरमान कर नभ का छोर
पथिक चला पश्चिम की...
प्राणी सेवा से ज्योतिषीय उपाय
अच्छे संस्कार हमारे जीवन को ही आसान नहीं बनाते हैं, ये कुण्डली के कई दोषों के ज्योतिषीय उपाय भी हैं । सुबह उठ कर...