राम नवमी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जो भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। वर्ष 2025 में राम नवमी 6 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी।
राम नवमी का इतिहास और महत्व:
भगवान श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ था। वे विष्णु के सातवें अवतार माने जाते हैं, जिन्होंने धर्म की स्थापना और अधर्म के नाश के लिए अवतार लिया। राम नवमी का पर्व हमें सत्य, धर्म, और मर्यादा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है|
पूजा विधि:
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स्नान और संकल्प: प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
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मंडप स्थापना: घर में पूजा के लिए एक स्वच्छ स्थान पर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियाँ या चित्र स्थापित करें।
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पूजन सामग्री: फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य, पंचामृत, तुलसी दल, चंदन आदि एकत्र करें।
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पूजा आरंभ: मंत्रों का उच्चारण करते हुए भगवान का आह्वान करें और पंचामृत से अभिषेक करें।
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आरती और प्रसाद वितरण: पूजा के पश्चात आरती करें और प्रसाद बांटें।
उत्सव और परंपराएँ:
अयोध्या, भगवान राम की जन्मभूमि, में इस दिन विशेष आयोजन होते हैं। भक्त सरयू नदी में स्नान कर रामलला के दर्शन करते हैं। देशभर में रामायण पाठ, झांकियाँ, और शोभायात्राएँ आयोजित की जाती हैं, जिसमें भगवान राम के जीवन से संबंधित प्रसंगों का प्रदर्शन किया जाता है।राम नवमी से जुड़े अनुष्ठान और रीति-रिवाज पूरे भारत में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग हैं। इनमें से कई परंपराओं में रामायण के प्रवचनों को पढ़ना और सुनना, रथ यात्रा (रथ जुलूस) का आयोजन, धर्मार्थ कार्यक्रम, राम और सीता की शादी की बारात (कल्याणोत्सव) की मेजबानी करना, और सीता, लक्ष्मण और हनुमान को श्रद्धांजलि अर्पित करना शामिल है, जिन्होंने राम की जीवन कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
राम नवमी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त:
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नवमी तिथि प्रारंभ: 5 अप्रैल 2025 को शाम 7:26 बजे|
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नवमी तिथि समाप्त: 6 अप्रैल 2025 को शाम 7:22 बजे|
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मध्याह्न पूजा मुहूर्त: 6 अप्रैल को सुबह 11:08 बजे से दोपहर 1:39 बजे तक