खुद का साथ न छोड़ो।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को अपनी समझ बढ़ाने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि इंसान को कभी भी अपनी क्षमता...
कहने और करने में फर्क तो होता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को वक़्त रहते कुछ बड़ा करने की प्रेरणा दे रही है, वह कहती है कि केवल कहने से कुछ...
जो मिला खूब मिला
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को हर हाल में खुश रहने की प्रेरणा दे रही है वह कहती है हर इंसान को अपने से...
एक तलाश जिंदगी के नाम
चलो चलते है एक खोज पर,
दूर नहीं पास ही चलेंगें,
जिसमें सिर्फ आप और मैं ही होंगे |
ये कोई आम सफर नहीं है,
ये सफर है...
अपने
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को अपनों की परिभाषा समझा रही है वह कहती है कि अपनों का पता दुख में पता चलता है...
इस दुनियाँ में कोई बेचारा नहीं होता।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को सबकी क्षमता का एहसास करा रही है. वह कहती है कि कोई इंसान बेचारा नहीं होता ईश्वर ने...
अच्छे का दोष बस इतना है, कि वो अच्छा है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को अच्छे इंसान की पीड़ा बताने की कोशिश कर रही है। वह कहती है कि इतिहास गवाह है कि...
कर्म ही प्रधान है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को बता रही है कि हर इंसान अपने तरीके से अपने ईश्वर की पूजा करता है। कोई व्रत करता...
ज़ुबान से निकला शब्द
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को बहुत सोच समझ कर अपनी बात रखने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कभी-कभी अगर जीवन...
मध्य में रहो
प्रस्तुत पंक्तियो में कवियत्री समाज को गुस्से का रहस्य बताने का प्रयास कर रही है वह कहती है कि ऐसा कोई इंसान नहीं जिसे...