शोर मत मचाओ
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री किसी भी चीज़ का न बखान करने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि इस दुनियाँ में कुछ...
ग्रहणी का इस त्याग भरी नौकरी से रिटायरमेंट क्यों नहीं होता
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री ग्रहणी की महानता का वर्णन कर रही है। वह कहती है कि ग्रहणी आजीवन निस्वार्थ अपने परिवार की सेवा करती...
अपने जज़्बातों को कभी डायरी में छोड़ कर मत जाना
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को अपनी भावनाएँ व्यक्त करने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि जो भी इंसान लिखने में...
वो सुबह की नींद
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को ज़िन्दगी से जुड़ी एक छोटी सी समस्या का विवरण दे रही है। वह कहती है ये तो घर-घर...
हरियाली तीज की शुभकामनाये।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को सावन के पर्व- हरियाली तीज की सुभकामनाये दे रही है। वह कहती है कि इस पर्व पर सब...
क्यों नही मैं ‘पा‘ जैसी
कहते मै अपनी मां जैसी हूं,
पर जाने फिर कुछ लोग मुझे,
मेरे जन्म से पहले ही सुलाना चाहते थे,
कहते थे कि क्या करेगी पैदा होकर,
घर...
मेहनत की अग्नि में
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को मेहनत करने ही प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि मेहनत की राह में दर्द तो बहुत...
खुद का साथ न छोड़ो।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को अपनी समझ बढ़ाने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि इंसान को कभी भी अपनी क्षमता...
कहने और करने में फर्क तो होता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को वक़्त रहते कुछ बड़ा करने की प्रेरणा दे रही है, वह कहती है कि केवल कहने से कुछ...
जो मिला खूब मिला
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को हर हाल में खुश रहने की प्रेरणा दे रही है वह कहती है हर इंसान को अपने से...