लहरें
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को लहरों का जीवन बता रही है,वह कहती है लहरें हमेशा अपने दायरे में रहती है लेकिन जब उनके...
अच्छा तो अच्छा ही रहेगा, युग चाहे जो भी हो।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को सोच में कितना बदलाव हुआ है उसका एहसास करा रही है। वह कहती है कि एक समय था...
तन से कही ज़्यादा ज़रूरी है मन को साफ़ रखना।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को मन साफ़ रखने की प्रेरणा दे रही है वह कहती है कि ईश्वर की बाते समझने के लिए...
इस मन को शांत कर, सही गुरु को पहचानों।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को बहुत सी जीवन की गहराई सरल शब्दों में समझाने की कोशिश कर रही है. वह कहती है हमारी...
ईश्वर से करी संगत का असर-जन्मों जन्मांतर तक होता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को आजीवन सही दिशा में चलने की प्रेरणा दे रही है। इन पंक्तियों द्वारा वह अपने आप से ही...
माता-पिता का बलिदान
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को अपने माता-पिता का आदर करने की प्रेरणा दे रही है. वह कहती है कि आज समाज भले ही...
क्रोध की अग्नि में तुम न जलो
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को छोटी-छोटी बातो पर गुस्सा न करने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है हमे ऐसा लगता है...
छोटे-छोटे उत्सव मनाओ
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को ख़ुशी के छोटे-छोटे उत्सव मनाने की प्रेरणा दे रही है। वह चाहती है दुनियाँ में सब लोग अपनी...
जो होता है, अच्छे के लिए ही होता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज को यह समझाना चाह रही है कि हमारे साथ जो भी हो रहा है या आने वाले कल में...
ऐ मेरे वतन के जवानों
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री समाज के युवक से प्रार्थना कर रही है कि वह खुदको वक़्त रहते संभाले, क्योंकि कही ऐसा न हो बहुत...