अगर ईश्वर से करते हो प्यार
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री इस दुनियाँ से पूछ रही है कि क्या सच में इंसान ईश्वर से प्यार करता है? अगर ये सच है...
बॉस बड़ा हैं या कम्पनी
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को किसी भी कम्पनी का चुनाव बहुत सोच समझ कर करने की प्रेरणा दे रही है। आज कल बहुत...
जिओ और जीने दो
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को किसी से भी ज़बरदस्ती काम न करवाने की सलाह दे रही है। वह कहती है कि हर इंसान...
शोर मत मचाओ
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री किसी भी चीज़ का न बखान करने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि इस दुनियाँ में कुछ...
ग्रहणी का इस त्याग भरी नौकरी से रिटायरमेंट क्यों नहीं होता
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री ग्रहणी की महानता का वर्णन कर रही है। वह कहती है कि ग्रहणी आजीवन निस्वार्थ अपने परिवार की सेवा करती...
अपने जज़्बातों को कभी डायरी में छोड़ कर मत जाना
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को अपनी भावनाएँ व्यक्त करने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि जो भी इंसान लिखने में...
वो सुबह की नींद
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को ज़िन्दगी से जुड़ी एक छोटी सी समस्या का विवरण दे रही है। वह कहती है ये तो घर-घर...
हरियाली तीज की शुभकामनाये।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को सावन के पर्व- हरियाली तीज की सुभकामनाये दे रही है। वह कहती है कि इस पर्व पर सब...
क्यों नही मैं ‘पा‘ जैसी
कहते मै अपनी मां जैसी हूं,
पर जाने फिर कुछ लोग मुझे,
मेरे जन्म से पहले ही सुलाना चाहते थे,
कहते थे कि क्या करेगी पैदा होकर,
घर...
मेहनत की अग्नि में
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को मेहनत करने ही प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि मेहनत की राह में दर्द तो बहुत...

























































