दिखावे की जकड़ से बाहर निकले
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री अच्छाई और बुराई का वर्णन कर रही है। वह कहती है कि अच्छाई तब तक ही अच्छी है जब तक...
सपने
चलते चलते राहे-गुज़र में कभी-कभी
झिलमिलाते हुए, सपने कहीं मिल जाते हैं,
हाथ बढ़ा कर छूना चाहो तो फिर,
धुएँ का गुबार बनकर आसमां में घुल जाते...
जबरदस्ती कर, किसी का अपमान न करो
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को समझा रही है कि कभी किसी से कोई भी काम ज़बरदस्ती मत करवाना क्योंकि ज़बरदस्ती करवाया हुआ काम...
नारी शक्ति
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को नारी शक्ति का एहसास करा रही है। वह कहती है इतिहास में नारी ने बहुत कुछ सहा है...
क्या जीवन के बाद भी कोई जीवन होता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री अपने आप से ही ख्यालो में सवाल-जवाब कर रही है। वह खुदसे ये पूछ रही है कि क्या जीवन के बाद भी...
अपनी अपनी क्षमताओं से एक दूसरे की मदद करो
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को अपनी-अपनी क्षमताओं से एक दूसरे की मदद करने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि अगर...
खुश रहने का हक़ हम सबको है।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को खुश रहने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि इस दुनियाँ में सबको हक़ है खुश...
कुछ पुरानी आदतें तो कुछ नये विचार अपनाओ।
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को बड़ो को छोटो से और छोटो को बड़ो से सीखने की प्रेरणा दे रही है। वह सोचती है...
दिखावा न करो
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को सच समझने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि इंसान बड़े-बड़े सपने तो सजा लेता है...
मेहनत करों और शान से जियो
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ में मेहनती लोगो को बढ़ावा देने को कह रही है। वह कहती है कि इस दुनियाँ में बहुत से...

























































