नारी शक्ति

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को नारी शक्ति का एहसास करा रही है। वह कहती है इतिहास में नारी ने बहुत कुछ सहा है लेकिन अब समय बदल रहा है अब नारी को अपनी क्षमताओं को बढ़ाना होगा और इस जग के लिए एक उदहारण बनना होगा।

Woman power

इतिहास में ऐसी बहुत सी नारियाँ है जिन्होंने अपनी क्षमताओं से दुनियाँ को बहुत कुछ समझाया, सिखाया जैसे करुणा की देवी सीता माँ, मदर टेरेसा आदि गलत के खिलाफ जिन्होंने जंग छेड़ी वो थी रानी लक्ष्मी बाई। साइंटिस्ट बन कर जिन्होंने दुनियाँ का दिल जीता वो थी कल्पना चावला। ये सब हम सब के लिए एक मिसाल कायम करके गये। आज नारी पढ़ी लिखी है वो चाहे तो अपने क्षमताओं से क्या कुछ नहीं पा सकती।

पता नहीं ये दुनियाँ की कैसी रीत है कि जब अच्छाई हमारे साथ होती है तब तक हम उसकी अहमियत समझ नहीं पाते। हर किसी में ये समझ नहीं होती कि वो अच्छे और बुरे की पहचान कर सके। बहुत कम लोग ईश्वर की बताई हुई बात को समझ और फिर उस पर अमल कर पाते है। अब समय आ गया है कि नारी, नारी को सम्मान दे और एक दूसरे का कवज बने।बस अपनी क्षमताओं को जगाने में आजीवन दिमाग लगाओ जीवन बहुत छोटासा है यहाँ कुछ बड़ा करके जाओ।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

सीता को खोकर ही, इस दुनियाँ को भी,
नारी शक्ति का एहसास हो गया।
उनकी तड़प को देख, ये सारा जग भी,
उनके व्योग में रो गया।
पहले उनपर इलज़ाम लगाने से,
इस दुनियाँ को फुर्सत नहीं मिली।

[ये भी पढ़ें : कुछ पुरानी आदतें तो कुछ नये विचार अपनाओ]

फूल सी प्यारी, वो भी थी कभी,एक खिलती हुई कली।
उनके बलिदान का क़र्ज़,
हमे उनसे बहुत कुछ सीख कर चुकाना है।
हर औरत में छुपी है वही अपार शक्ति,
बस उस शक्ति को, हर औरत को जगाना है।
आपस में एक होकर, अब औरत को ही औरत का हाथ बटाना है।
किसीको कहने से नहीं छोड़ता,
ये ऐसा ज़ुल्मी ज़माना है।

[ये भी पढ़ें : खुश रहने का हक़ हम सबको है]

अपना-अपना किरदार निभाकर,
हम सबको यहाँ से एक दिन जाना है।
जिसने सीखा सही राह पर चलना,
बैरी बन बैठा उसका, ये ऐसा ज़माना है।
अब नारी ही नारी की, कवज बनके आयेगी।
जो बोलेगा किसी मासूम औरत के चरित्र के खिलाफ।
उसकी रक्षा हेतू ये सृष्टि भी अपना केहर बरसायेगी।

धन्यवाद

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.