प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि जीवन में आगे बढ़ने में ही भलाई है क्योंकि बीता कल कभी वापिस आयेगा नहीं और कल का हमे पता नहीं, इसलिए बस आज में ही सबसे अच्छा और सबसे बेहतरीन जीने का सोचो। खुदपर काबू पाने की कोशिश करो और खुदको अपना मित्र बनाओ क्योंकि जिसने भी अपने पर विश्वास रखा उसे कभी भी अपने जीवन में अकेला पन महसूस नहीं हुआ क्योंकि उसका सच्चा दोस्त वो खुदतो अपने साथ है। ऐसे जीने में ही भलाई है क्योंकि याद रखो दोस्तों हम अकेले आये है और हमे अकेले ही जाना है यहाँ तो बस हम अपनों के साथ रहते है।
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यादो का सिलसिला चलता ही जाता है।
बीते कल की याद, ये हमे पल-पल कराता है।
किसीको उन यादो को भूल,
तो किसी को उन यादो को, पकड़े रहने में मज़ा आता है।
बीता कल तो बीत गया,
अब जीवन में आगे बढ़ने की करो,
तुम खुदपर थोड़ी दया.
कब तक उन यादो को याद कर खुदको तड़पाओगे।
यू होकर उदास जीवन में कैसे आगे बढ़ पाओगे?
बीते कल से अच्छा तुम आज बनाओ।
हर हाल में खुश रहकर,
तुम बस खुदको मनाओ।
खुदको थामे रखना भी एक कला है।
जिसको आती ये कला,
उसको अकेलापन कभी नहीं खला है।
अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने वाला ही,
इंसान सबसे नेक और भला है।
धन्यवाद