प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि जीवन में आगे बढ़ने में ही भलाई है क्योंकि बीता कल कभी वापिस आयेगा नहीं और कल का हमे पता नहीं, इसलिए बस आज में ही सबसे अच्छा और सबसे बेहतरीन जीने का सोचो।
अब आप इस कविता का आनंद ले
यादो का सिलसिला चलता ही जाता है।
बीते कल की याद, ये हमे पल-पल कराता है।
किसीको उन यादो को भूल,
तो किसी को उन यादो को, पकड़े रहने में मज़ा आता है।
बीता कल तो बीत गया,
अब जीवन में आगे बढ़ने की करो,
तुम खुदपर थोड़ी दया.
कब तक उन यादो को याद कर खुदको तड़पाओगे।
यू होकर उदास जीवन में कैसे आगे बढ़ पाओगे?
बीते कल से अच्छा तुम आज बनाओ।
हर हाल में खुश रहकर,
तुम बस खुदको मनाओ।
खुदको थामे रखना भी एक कला है।
जिसको आती ये कला,
उसको अकेलापन कभी नहीं खला है।
अपनी क्षमताओं पर विश्वास रखने वाला ही,
इंसान सबसे नेक और भला है।
धन्यवाद