तारानगर तहसील मुख्यालय को चूरू जिला मुख्यालय से जोड़ने वाली तारानगर से चूरू सड़क की हालत बहुत ज्यादा ख़राब है। हालांकि इस सड़क के बनने के प्रस्ताव सरकारी कागज़ों में हो सकते है, परंतु अगर बात धरातल पर इस मार्ग की बात करे तो यह एक तहसील को जिले से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग की हसियत नही रखता।
तारानगर से चूरू जाने वाले इस लगभग 45 किलोमीटर के इस रास्ते में से तारानगर से चलकोई तक के 18 किलोमीटर के मार्ग को छोड़ दे तो आगे की सड़क पर दो चार पहिया वाहन एक साथ निकलना तो दूर की बात है,एक दुपहिया वाहन और एक चार पहिए वाहन का भी निकलना मुश्किल है।
इस मार्ग की हालत ये है,की चूरू से तारानगर के बीच चलने वाली निजी बसों के मालिकों ने सड़क के गड्डो को भरने के लिए खुद से एक व्यक्ति को पैसे देकर उन गड्डो में बालू रेत और खिप(मरुस्थलिय पादप) डलवाई है।
विधायक बनते है मंत्री भी नही बनवा पाते सड़क :-
तारानगर और चूरू विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक रूप से भी महत्व पृर्ण है। इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों के विधायक मंत्री पदो पर भी रह चुके है। तारानगर के वर्तमान विधायक जयनारायण पूनिया भैरोसिंह शेखावत की जनसंघ की सरकार में 1977 के समय मंत्री पद पर रहे थे। जबकि चूरू के वर्तमान विधायक और तारानगर के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह राठौड़ वर्तमान में राजस्थान सरकार के ग्रामीण एवम पंचायती राज मंत्री है।
महत्व पृर्ण मार्ग है, तारानगर से चूरू मार्ग :-
हम जिस तारानगर से चूरू मार्ग की बात कर रहे है,वो एक तहशील और जिले के बीच सम्बंध को लेकर तो महत्व पृर्ण है ही साथ ये मार्ग हरियाणा,पंजाब से चलकर सालासर को जाने वाले पैदल यात्रियों का भी मुख्य मार्गो में से एक मार्ग है। सालासर बालाजी का मंदिर विश्व प्रसिद है,जिसमे साल में करोड़ो यात्री आते है। साथ ही ये मार्ग सिरसा को जयपुर से जोड़ने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पर ये तारानगर से चूरू मार्ग अपनी ख़राब हालात की वजह से यहा से गुजरने वाले यात्रियों को हुई परेशानी के कारण हमेशा याद रहता है।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]