चूरू जिले की सीमा से सटे हनुमानगढ़ जिले के गांव जिगसारी बड़ी में 21 दिसम्बर को महिला दुग्ध समिति सेन्टर कोड न 25 पर करीब ग्यारह बजे एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमे जिगसारी बड़ी में सरस डेयरी के पशु चिकित्सको ने किसानों को पशुपालन एवं दूध व्यवसाय के बारे में जानकरी देते हुए कुछ उपाय भी बताये.सत्यप्रकाश भाकर ने बताया कि इस कार्यक्रम में हनूमानगढ से आए डॉक्टर विकास कूमार जी व श्रीमान आन्द जी ने किसानों को उनके पशुओं के बारे में, पशुओं को होने वाले सामान्य रोगों के बारे में अवगत करवाया। साथ ही चिकित्सको ने को वेटफिन फीड, हरा घास खिलाने के फायदे, पशुओं को केलशियम, पशु बिमा आदि के बारे में विस्तार से समझाया। इन सब के बारे में बताते हुए कहा कि आप इन सब बातों का धयान रखकर आप अपनी दूध की उत्पादकता बढ़ा सकते है। साथ ही उन्होंने किसानों को को ज्यादा से ज्यादा दूध सरस डेयरी पर देने का आग्रह किया।
डेयरी सचिव मनीराम भाकर ने कार्यक्रम में आये किसानों को सबोधित करते हुए कहा कि दूध उत्पादन परंपरागत व्यवसाय है। ये व्यवसाय शिक्षित और अनपढ़ दोनों प्रकार के लोग कर सकते है। ये व्यवसाय बेरोज़गार लोगो को एक उचित प्रकार का व्यवसाय उपलब्ध करवाता है। यदि इस व्यवसाय को उचित योजना और प्रबंध के साथ की जाए, तो यह अधिकतम उत्पादन देता है।यह भारत के मौसम और वातावरण के अनुसार उत्पादन करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यवसाय है। कोई भी डेयरी व्यवसाय के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकता है और नाबार्ड के लिए लोन के लिए आवेदन भी कर सकता हैं।
इस मौके पर गांव के चन्दूराम ढाका, अर्जुनराम सामोता, महेन्द्र भाकर, अमीलाल महला, श्रीराम बिजारणिया, जयसिंह भाकर, श्यामसुंदर, कूलडिया, सूभाष भाकर, शेरसिंह भाकर, रामसिंह भाकर, रमेश कुमार ढाका, जयलाल भाकर, बलजीत, मोहर सिंह, सत्यनारायण भाकर सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]