तारानगर तहसील के कार्यलय के सामने बीती 6 नवम्बर से अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में बिमा फसल क्लेम के लिए बैठे किसानों ने 22 दिसम्बर को ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ आंदोलन करने का फैसला किया है।किसान नेता निर्मल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि किसान अपनी फसल बीमा क्लेम ले लिए 6 नवम्बर से धरने पर बैठे है। परंतु न तो सरकार की ओर से कोई सकारात्मक रुख देखने को नहीं मिला इसलिये किसानों ने फैसला लिया है कि 22 तारीख को तहसील का घेरा डालकर किसान अपना डेरा तहसील में जमाएंगे। साथ ही उन्होंने बताया कि इस आंदोलन को किसान सभा के प्रदेक्षाध्यक्ष पेमाराम, प्रदेश महामंत्री छगनलाल द्वारा सबोधित किया जायेगा।
किसान नेता निर्मल कुमार ने यह जानकारी घेरा डालो-डेरा डाला आंदोलन के लिए गांवो में सम्पर्क करते हुए दी, जिसमे उन्होंने कहा कि किसान फसल बीमा क्लेम के लिए पिछली 6 नवंबर से तहसील के आगे धरने पर बैठे है। परंतु सरकार के किसी प्रतिनिधि द्वारा या बिमा कंपनी के किसी प्रतिनिधि के द्वारा कोई सकारात्मक प्रतिकिर्या देखने को नही मिली है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में फसल बीमा के नाम पर, बैंक ऋण में ब्याज के नाम पर भयंकर लूट मचा रखी है। और किसानों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अब किसान हमेशा की तरह नही लूट सकता उसे अपनी फसल के भाव चाहिए, उसकी फसल का बीमा क्लेम चाहिए, बैंक से ऋण कम ब्याज दर पर चाहिए। परन्तु आज अन्नदाता का कोई साथी नज़र नही आता है।
इस किसान विरोधी भरी सरकार को सुनाने के लिए हमे ये आंदोलन करना पड़ रहा है। इसलिए हम गांव जाकर 22 दिसम्बर को होने वाले “घेरा डालो-डेरा डालो” आंदोलन के लिए अधिक से अधिक किसानों को एकजुट कर रहे है।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]