मेरे होंठों पर आज भी तेरे तराने हैं
लेख- 1
मेरे होंठों पर आज भी तेरे तराने हैं
और हैं गुनगुनाहट तेरी बातो की,
लिखावट तो बहुत देखी तूने मगर
नहीं देखी लगी रोशनाई मेरे हाथो...
मेरी सच्ची सखी “मैं”
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने कि कोशिश कर रही है कि हर इंसान का सच्चा दोस्त उसके अंदर की छुपा होता...
कोई किसी के साथ नहीं जाता
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि इस दुनियाँ में अगर हमारी पीड़ा कोई समझ सकता है...
किसी को सुख-चैन ऐसे ही नहीं मिलता
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि आपको कभी अपना प्यार दिखाने की ज़रूरत नहीं होती क्योंकि...
कम से कम तुम तो समझो
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि इंसान जब गलत दिशा में बढ़ता है तो उसे किसी...
बुढ़ापा तो सबको आता है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि हम सब यहाँ कुछ ही पल के मेहमान है। ज़िन्दगी...
पूजा करने वाला हर इंसान ईश्वर का सच्चा भक्त नहीं होता
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ज़रूरी नहीं कि जो मानव बहुत ज़्यादा पूजा पाठ करता...
ये ज़रूरी नहीं कि हर औरत ही, स्वादिष्ट भोजन बना पाये
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ज़रूरी नहीं हर औरत भोजन बनाने में रूचि रखे। ये...
हर किसी में कोई न कोई कमज़ोरी होती है
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री किसी की कमज़ोरी पर उसका उपहास न उड़ाने को कह रही है। उदाहरण के तौर पर अगर आप किसी मोटे...
अच्छे को कभी अपनी पलके भिगोने की ज़रूरत नहीं
प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री अच्छे लोगो को हिम्मत न हारने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि अच्छाई की राह में अगर...

























































