जनरल हिन्द की सेना का
अगर मैं हिन्द की सेना का जनरल होता तो,
मेजर गोगोई को कहता कि तुमको आदेश है मेरा,
अब अगर कोई दुश्मन तुमको कश्मीर में डाले...
ये खामोशी
अभी तो खामोशी,
दूर तक छाई है,
उजाले की कोई किरण,
नज़र मुझे नहीं आई है,
कोई नहीं है! साथ,
इस जिंदगी के वीराने में,
जीवनसाथी बनकर साथ निभाने में,
दो...
अब कुछ राहत दे ओ खुदा
बेबाक होकर हम दौड़ पड़े,
तेरे दर पर ओ खुदा,
दुनिया की माला में फंसे पड़े,
अब कुछ राहत दे ओ खुदा।
अश्को को बहा के देख लिया,
दिल...
ख्वाहिशे-न जाने ज़िन्दगी के किस मोड़ पे
प्रस्तुत पक्तियों में कवयित्री अपनी ख्वाहिशों का वर्णन कर रही है, उनके मन में कई ख्वाहिशें है वह इस कविता के ज़रिये यह सोच...
जन्म कुण्डली में विष योग
जन्म कुण्डली में अनेक योग देखने को मिलते हैं जैसे गजकेसरी योग, धनलक्ष्मी योग, बुधादित्य योग, इत्यादि । परन्तु कुछ योगों के नाम इतने...
अपने अंदर छुपे बच्चे को पहचानों
प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री समाज को अपने अंदर छुपे बच्चे को पहचानने की प्रेरणा दे रही है, वह कहती है हर इंसान के अंदर...
मैं कुछ लिखता हूँ
मैं कुछ लिखता हूँ,
देना तुम मुझको अपनी राय,
देखना कविता ऐसी बन जाय,
जो सबके मन को भाय,
क्या लिखूं बताओ तुम,
पहलु कोई नया सुझाओ तुम,
कहानी, कविता,...
वो एक किताब
पढ़ना एक नयी किताब आज
जिसमें हो सब, अनभिग्न राज
पढ़ना एक नयी किताब आज
उगता सूरज, डूबता चाँद
खेतो में चरते वह गाय और सांड
फसलों पे लहलहIता...
ज़िन्दगी की गहराई
प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री समाज को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि सब अपनी कहानी के हीरो होते हैं सब अपनी -अपनी...
प्यार से भी प्यारा
प्रस्तुत पक्तियों में कवयित्री दुनियाँ को प्यार की परिभाषा समझा रही है। वह चाहती है कि दुनियाँ ये जाने प्यार से प्यारा इस दुनियाँ...