प्रस्तुत पंक्तियों में कवयित्री समाज को अपने अंदर छुपे बच्चे को पहचानने की प्रेरणा दे रही है, वह कहती है हर इंसान के अंदर एक बच्चा छुपा होता है, चाहे इंसान कितना भी बड़ा क्यों न होजाये हँसना और हँसाना सबको पसंद होता है, अपने अंदर की छुपी मासूमियत को पहचान कर इंसान अपने आप को और दूसरों को खुश रख सकता है जैसे एक बच्चे के घर में होने से घर में ख़ुशी का माहौल बनता है उसी तरह अगर हर इंसान अपने अंदर एक बच्चे को पनपने दे तो घर में हर वक़्त ख़ुशी का माहौल बना रहेगा जिसके रहते सब खुश रहेंगे। ये मानव जीवन बहुत मुश्किल से मिलता है तो क्यों न हम अपनों में रहकर बस खुशियाँ ही बाटे।
एक सुझाव जो कवयित्री दुनियाँ को देना चाहती है, कि आप अपने मनोरंजन अपनों के साथ करे जैसे हमारे बड़े हमारे साथ हमारे बचपन में खेले आप भी वैसेही बड़ो को अपने खेल में शामिल करे, नई पीड़ी और पुरानी पीड़ी की सोच में अंतर होगा लेकिन ये अंतर हस्ते खेलते ख़तम हो सकता है अगर सब अपने अंदर के बच्चे को पहचाने।
छोटी छोटी खुशियाँ जब सब मिलकर मनायेंगे तब सब के मन मुटाव मिट जायेंगे और फिर वही लोग औरो के लिए आदर्श बनजायेंगे जब ऐसा हर इंसान सोचेगा तब किसी के घर में लड़ाई झगड़े नहीं होंगे जैसे छोटे बच्चे अपने लड़ झगड़ कर फिर दोस्त बनजाते है वैसेही बड़े लोग भी होजायेंगे फिर हर इंसान एक नवजात शिशु की तरह पवित्र और मासूम होजायेगा। आज का निकला समय कल फिर नहीं आयेंगा तो क्यों न हम हर वक़्त सिर्फ अच्छा ही सोचे और अपनों संग प्यार ही लुटायें।
अब आप इस कविता का आनंद ले
हर इंसान के अंदर,
छुपा होता हैं, एक छोटासा बच्चा।
उम्मीद न करता किसीसे, हसाये सबको,
होता, मन से वो इतना सच्चा।
हर इंसान के अंदर,
छुपी होती हैं, कही शैतानियाँ।
दर्शा के उसे पल -पल में,
बया करते सब अपनी अनकही कहानियाँ।
हर इंसान के अंदर,
बालपन कही छुपा होता है।
पुराने दिनों को याद कर,
इंसान अक्सर रोता है।
हर इंसान के अंदर,
छिपी होती हैं, भोलेपन की परछाई।
माहौल बनाके अपने लोगों में,
अपनी मासूमियत की छवि दर्शाई।
हर इंसान के अंदर,
छुपा होता है एक मस्त मौला,
डाट न पढ़े किसी से,
इस चक्कर में होजाता उसे वक़्त -वक़्त पर हौला।
विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता ने शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी है कोई स्टोरी तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com.
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