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हिलाल स्योहारवी का एक लेख बचपन में ही कुछ इस कदर अंदर उतर गया कि मायूस होने पर कलम अपने आप ही चलने लगती हैं. बाकी बची कसर कॉलेज के दोस्तों ने पूरी कर दी कि तुम लिखते बहुत अच्छा हो. यूँ तो काफी विषयो पर लिखते हैं मगर टेक्नोलॉजी से बहुत प्यार करते हैं. पढ़ने और नया जानने के शौकीन हैं. हाँ बस कभी खुद से सन्तुष्ट नहीं होते हैं.
बाकी जानने के लिए आप Google पर सर्च कर सकते हैं Shubham Lambha या फिर Shubhamlambha96