राजगढ़ (सादुलपुर) में पिलानी रोड़ पर स्थित महेन्द्र कुमार मोहता मैमोरियल आयुर्वेदिक सांइस एवं रिसर्च केन्द्र भवन में आयुर्वेद विभाग की ओर से आयोजित पंचकर्म, शल्य एवं सामान्य चिकित्सा का विशाल शिविर रागियों के लिए एक वरदान की तरह साबित हो रहा है। इस शिविर में आने वाले हर पीड़ित को लाभ मिल रहा है। दस दिन चलने वाले इस शिविर में एक मिली जानकारी के अनुसार अब तक 1400 से ज्यादा रोगी लाभाविन्त हो चुके है।
शिविर के प्रभारी वैद्य रामकिशन वत्स ने जानकारी देते हुए कहा कि आयुर्वेद विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में प्रति वर्ष ऐसा एक शिविर लगाया जाता है, जिसके अन्तर्गत इस बार राजगढ़ में शिविर लगाया गया है। वैसे तो इस शिविर में सभी रोगों की चिकित्सा की व्यवस्था है। परंतु खुनी मस्से/बवासीर रोगियों के लिए विशेष रूप से शल्य चिकित्सा एवं जोड़ों के रोगियों के लिए पंचकर्म प्रणाली से उपचार की खास व्यवस्था होती है।
ऐसे रागियों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है, जिनके रहने, खाने तथा उपचार की प्रत्येक व्यवस्था निःशुल्क है। पंचकर्म चिकित्सा प्रभारी वैद्य अक्षय गोस्वामी के अनुसार पंच कर्म उपचार के लिए रोजाना औसतन 55 रोगी आ रहे हैं। अब तक 450 से ज्यादा रोगी पंचकर्म चिकित्सा का लाभ उठा चुके है। वात रोगों यानि कमर, घुटने तथा अन्य जोड़ों के साथ साथ खून में रूकावट के और सिरोधारा [सिर दर्द/शूल] रोगियों की वाष्प, मालिश तथा अन्य प्रकार से उपचार किया जाता है।
शल्य चिकित्सा प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि पाइल्स, फिस्टूला एवं फिशर के अलावा प्रोलेप्स यानि गुदा बाहर आने के रोगों का पूर्णतया सुरक्षित आयुर्वेद तरीके से 29 रोगियों की शल्य चिकित्सा की गई है तथा 7 का उपचार अन्य विधियों से किया गया है। शिविर में वैद्य कुसुम शांडिल्य सहित मनीराम शर्मा, अजय कौशिक तथा हरिशरण शांडिल्य आदि नियमित सेवाएं दे रहे है।
रोगियों की परिचर्या के लिए भी सभी आवश्यक प्रबन्ध विभाग द्वारा किए गए हैं। शिविर के लिए एम.के. मोहता मैमोरियल संस्थान की और से निःशुल्क भवन तथा अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध करवाई गई हैं । एवं स्थानीय प्रभारी वैद्य विजय कुमार शर्मा भी नियमित रूप से सेवाएं दे रहे हैं।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]