प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को शुक्रगुज़ार होने की सलाह दे रही है। वह कहती है कि चाहे किसी ने हमारे लिए कुछ छोटासा ही काम करा हो हमे हमेशा उसका धन्यवाद करना चाहिये। ऐसे छोटे-छोटे व्यवहार हमारे रिश्तों को मज़बूत करते है। दोस्तों चाहे हमारे पास कितनी भी दौलत हो लेकिन अगर अपनों का साथ नहीं तो जीवन फीका सा लगता है। किसी के करे को कभी भूलना मत। दुनियाँ भी ऐसे ही व्यक्ति को ही पसंद करती है जो किसी से ज़्यादा उम्मीद नहीं रखता। किसी ने कर दिया तो अच्छा है लेकिन अगर कोई नहीं कर पाता तो आप इतनी सी बातो पर अपने रिश्ते को न बिगाड़े, क्योंकि किसी की क्या परिस्थिति है कोई नहीं जानता कोई अपनी बात रख देता है तो कोई अपनी बात रख नहीं पाता। हर व्यक्ति अपने लिए अच्छा हैं अनोखा है। आप सब पर अपना आभार प्रकट करे और अपना जीवन शांति से बिताये।ज़िन्दगी छोटीसी है यारों सब यही रह जाना है, इसलिए छोटी से छोटी बात पर भी किसी को धन्यवाद कहना मत भूलना।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
छोटी-छोटी बातो पर,
शुक्रिया कहना भूल न जाना।
दुनियाँ भी अजीब है यारो,
किसी को कोई पूछता नहीं,
तो किसी का जग बन बैठा दिवाना।
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कर शुक्रिया तू भी,
किसी का शुक्र गुज़ार बन जायेगा।
तेरे अच्छे-बुरे वक़्त में ,
तेरा बीता कल फिर वापिस आयेगा।
होगा तुझपर तो कुछ दे कर उपकार करना,
जो न भी हो, फिर भी किसी से,
उम्मीद के ज़्यादा उम्मीद न करना।
शुक्र मनाना, जितना भी पायेगा।
रह जायेगा यही सब कुछ,
तू लेकर यहाँ से कुछ नहीं जायेगा।
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जो शुक्र गुज़ार होता है सबका,
मन पसंद बन जाता वो भी रब का।
कुछ मिले तो, रब का शुक्रिया वो करता है।
न मिलने पर, अपनी किस्मत को कोस,
वो पल-पल नहीं मरता है।
ढूंढ लेता खुशी, छोटी से छोटी बातो में,
तारों की छाओ में भी, सोजाता, सुकून से वो रातों में।
धन्यवाद!