प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि लोगो को लगता है कि जिसके पास पैसा बहुत पैसा है केवल वो ही सुखी है लेकिन कोई मुझे ये बताये क्या जीवन का कोई भी अमीर से अमीर इंसान सुकून खरीद सकता है।
क्या इज़्ज़त के केवल वो ही लायक है जो कमाता है?? अपने व्यवहार से जिसने करोड़ो का दिल जीता क्या उन्होंने कुछ नहीं किया इस देश के लिए??नहीं ये सोच बिलकुल गलत है दोस्तों याद रखना अगर आपसे पास जीवन जीने के लिए भरपूर पैसे है और आपकी ख्वाहिशें भी ऐसी बड़ी नहीं और आप सधाहरण जीवन जीना चाहते है तो आप अपना ज्ञान जग कल्याण हेतु लगाये बहुत नहीं तो क्या कोई तो आपको समझेगा आपकी तारीफ करेगा क्या पता आपके अच्छे कर्म किसीकी दुनियाँ ही बदलदे ऐसे वीरो के माता पिता का गौरव जन्मो जन्मांतर तक इस दुनियाँ में एक अच्छी याद बनकर रह जाता है।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
सबका वक़्त आता है,
तेरा वक़्त भी आयेगा।
तेरे माता-पिता के चेहरे पर भी,
एक दिन गुरुर का झंडा लहरायेगा।
आतिश बाज़ी होंगी फूलो की और,
इस जग में शांति का इत्र महकायेगा।
समझा जिन्होंने तुझे ज़रा भी कम,
उन सब लोगो को भी,
एक दिन ज़रूर ये समझमे आयेगा।
सफल केवल वो ही नहीं जिसके पास बहुत पैसा है।
अपनों के खातिर जो देता बलिदान,
ज़रा पूछो तो सही उसका हाल अब कैसा है??
खुदको जलाया किसीने,
नहीं अब वो पहले के जैसा है।
चुप रहकर बस कोई मुस्कुराता,
वो तो नवजात शिशु के जैसा है।
वो शिशु ही अपने भोलेपन से, इस जग को महकायेगा।
उसके और उसके अपनों को,
जब आजीवन सुकून ही मिलता जायेगा।
उस सुकून की कीमत क्या इस दुनियाँ में,
कोई करोड़पति भी दे पायेगा।???
धन्यवाद