जिस तरह से 9-10 मार्च की अर्द्ध रात्रि को पांच की पुली जैतसर (सूरतगढ-अनूपगढ़ स्टेटवे) पर प्रशासन की बेसमझी से राष्ट्रीय शहीद उधमसिहं की प्रतिमा को चबूतरे से खींच कर और हथकडियों में जकड़ कर जैतसर जेल के कैदखाने में डाल दिया गया, उसकी खबर जंगल की आग की तरह सुबह होते ही इलाके में फैल गई। दशकों लोग फिर सैंकड़ों और दोपहर होते ही हजारों की संख्या में लोग पांच की पुली जैतसर की ओर दौड़े चले आए।प्रशासन की इस बेसमझी की घिनौनी हरकत पर लोग आक्रोशित हो उठे और ऐसे समय आक्रोशित होना भी सम्भाविक था। भला कौन ऐसा इन्सान है जिसे राष्ट्रीय शहीदों पर नाज/गर्व नहीं है। आज इलाकावासियों एवं समाज आगुओं ने प्रशासन को अपीलार्थ ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि शीघ्रतातिशीघ्र पांच की पुली जैतसर स्थित उसी चौंक पर राष्ट्रीय शहीद उधमसिहं की प्रतिमा को प्रतिष्ठित करने की इजाजत दी जाए, ताकि इस अपराध स्वरूप हुए अपमान के दाग को धोया जा सके।
तहसील इकाई समाज अध्यक्ष गुरमेजसिहं जोसन एवं कोषाध्यक्ष अमरीक सिहं बिट्टू की अगुवाई में गुरप्रीत सिहं 29जीबी, सत्यनारायण जी शिवपुरी, जसविंदरसिहं 8जीबी, रविंद्र सिहं 42जीबी, ज्ञान सिहं श्री विजयनगर, जसपाल सिंह खिंडा, बलजीत सिंह मरोक,बलदेवसिहं 49जीबी, राजेंद्र सिहं 45जीबी, सतनाम सिहं एवं जसवीर सिंह ने इसी बात के मद्देनजर माननीयां मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को भी समूह समाज की ओर से कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर निवेदनार्थ मांग की गई कि 13 मार्च 2018 को जलियांवाला बाग में होने वाले समारोह से पूर्व ही इस समस्या का हल सुलझाने की कार्रवाई की जाए।
[स्रोत- सतनाम मांगट]