प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि इस दुनियाँ में बहुत ही कम लोग होते है जो लोगो को सही तरीके से परख पाते है। आज इस कविता के माध्यम से वह सीधे और सच्चे लोगो के व्यवहार का वर्णन कर रही है।
वह सोचती है अच्छा और महान व्यक्ति वही होता है जो अच्छा होते हुये भी कभी अपनी क्षमताओं पर घमंड नहीं करता बल्कि अपनी सारी शक्ति वह जग कल्याण के लिए लगा देता है लेकिन ऐसे व्यक्ति को वक़्त पर समझ पाना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि पूरी दुनियाँ अपने मन से जीती है और वह लोग ऐसे जीते है जैसे जीना चाहिये कवियत्री को दुख केवल एक ही बात का है कि लोगो को अकसर अच्छे लोगो के गुणों का एहसास तभी होता है जब तक बहुत देर हो गई होती है। याद रखना दोस्तों बुराई में भी अच्छाई ढूंढ पाना सबके बस की बात नहीं।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
चापलूसी कर किसी का दिल जीता जाता नहीं।
रखे जो खुदकी क्षमताओं पर भरोसा,
जीवन की ठोकरे वो अक्सर खाता नहीं।
कर-कर के भूल जाओ पुराने अच्छे कर्मो का हिसाब,
अनुभव के आभूषण से,
सजती है हर एक अनोखी किताब।
अनुभवी व्यक्ति ही फिर उस किताब को पढ़ पाते है।
सजती नहीं ज़िन्दगी, यूही किसीकी,
उसे सजाने में न जाने कितनी मर्तबा,
दुनियाँ के सामने हस्के,वो अकेले में अक्सर अश्क बहाते है।
अपने को पीड़ा पहुँचा कर,
वो बस दूसरों के लिए मुस्कुराते है।
अपनी तो जैसे परवाह नहीं।
अपने को जलाके,
वो इस दुनियाँ को सजाते है।
दूसरे के गमो को देख,
वो खुदके गमो को भूल जाते है।
ऐसे एक नहीं, कई महान हस्तियों ने ,
इस पवित्र भूमि पर जन्म लिया।
तूफानों से लड़के भी,
जिन्होंने बस जगकल्याण ही किया।
तब जाके उनका नाम इतिहास के पन्नो में जगमगाया,
दुख है तो बस इस बात का कि,
उनके रहते इस दुनियाँ में,
उनका सही रूप किसीको वक़्त पर समझ नहीं आया।
समझ आता तो बात-बात पर लोग उनका अपमान न करते।
उनको बिन बात पर तड़पाकर,
जीवन के अंत में वो भी तड़प-तड़प कर न मरते।
धन्यवाद।