भिलाई : भारत माला परियोजना के तहत दुर्ग से राजधानी रायपुर नए बायपास सड़क निर्माण के लिए कवायद शुरू हो गई है। कलेक्टर दुर्ग ने इस नई बायपास सड़क के लिए दुर्ग एवं पाटन तहसील के संबंधित गांव के प्रभावित खसरा नंबरों और उसके दोनों ओर की 100-100 मीटर तक की भूमि की खरीदी-बिक्री, डायर्वसन, बटांकन आदि को प्रतिबंधित कर दिया है।इस संबंध में कलेक्टोरेट दुर्ग से आदेश भी जारी कर दिया गया है। भारत माला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में दुर्ग-रायपुर बायपास सड़क निर्माण के लिए भू-अर्जन के उद्देश्य से यह प्रतिबंध लगाया गया है।
उल्लेखनीय है कि दुर्ग से रायपुर तक नई बायपास सड़क का निर्माण भारत माला परियोजना के तहत सड़क परिहवन एवं राज्य मार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से कराया जाना प्रस्तावित है। यह सड़क राजनांदगांव जिले के अंजोरा के पास से होते हुए दुर्ग शहर के दक्षिणी हिस्से में बाहर से गुजर कर अभनपुर से पहले जगदलपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को क्रास करते हुए नया रायपुर राजधानी क्षेत्र की सड़क से होकर आरंग से जुड़ेगी।
[ये भी पढ़ें: वायशेप ओव्हरब्रिज रायपुर नाका दुर्ग के दोनों ओर, सुरक्षा दृष्टि से जाली लगाए जाने हेतु पत्र लिखकर मांग]
दुर्ग जिले में इस सड़क की प्रस्तावित लम्बाई लगभग 44.50 किलोमीटर होगी। दुर्ग शहर के दक्षिणी हिस्से से बाहर के बाहर रायपुर तक जाने वाली इस प्रस्तावित सड़क से दुर्ग शहर के अंदर के नेशनल हाईवे 53 पर वाहनों का दबाव कम होगा।
इस प्रस्तावित बायपास सड़क के प्रभावित गांव में तहसील दुर्ग के 25 गांव थनौद, अंजोरा, बिरेझर, चंगोरी, पीसेगांव, कोलिहापुरी, चंदखुरी, पुलगांव, कोनारी, हनोदा, बोरसी, धनोरा, भानपुरी, पोटियाकला, हनोदा, कोड़िया, कोकड़ी, खम्हरिया, उमरपोटी, पुरई, उतई, नेवई, बोरीगारका, खोपली एवं डुमरडीह गांव शामिल है।
[ये भी पढ़ें: कहानी भिलाई-छत्तीसगढ़ के एक गरीब अनुसूचित जाति परिवार की]
इसी प्रकार पाटन तहसील के 26 गांव पतोरा, मुड़पार, धौंराभांठा, सेलूद, बोहारडीह, मानिकचैड़ी, मटंग, चुनकट्टा, ढौर, गोड़पेंड्री, छाता, फुण्डा, पुनईडीह, संतरा, देवादा, नवागांव, अरसनारा, लोहरसी, चीचा, चंगोरी, तुलसी, देमार, बठेना, ठकुराईनटोला, सिकोला एवं सिपकोन्हा प्रस्तावित बायपास सड़क निर्माण में प्रभावित क्षेत्र शामिल है।
इन सभी गांवों में प्रभावित खसरा नंबर तथा उसके दोनों ओर 100 मीटर तक भूमि की खरीदी-बिक्री, डायवर्सन, बटांकन आदि प्रतिबंधित कर दिया गया है।
[स्रोत- घनश्याम जी.बैरागी]