बालोद : वैसे तो भारत को आजादी मिले 72 साल हो रहे हैं, लेकिन अभी भी आम जीवन को सुखमय बनाने प्रशासनिक अभियान की आवश्यकता पड़ती ही रही है। ऐसे ही स्वास्थ्य विभाग का कार्यक्रम संस्थागत प्रसव कार्यक्रम है, जिसके लिए राज्य में गर्भवती माताओं को लाने-ले-जाने के 102 वाहन की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है।कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने चिकित्सा अधिकारीयों से कहा है, कि संवेदनशीलता के साथ कार्य कर संस्थागत प्रसव में प्रगति लाएॅ । गर्भवती महिलाओं का शतप्रतिशत पंजीयन करें और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दें।
डॉ. मित्तर संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में संस्थागत प्रसव की प्रगति की जानकारी ली। कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप स्वास्थ्य केन्द्रों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की जानकारी ली और खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उप स्वास्थ्य केन्द्रों का भ्रमण कर निरीक्षण करें और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में प्रगति लाना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के भवनों की स्थिति की जानकारी भी ली।
कलेक्टर ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु टीम द्वारा की जा रही स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा उपचार की जानकारी ली। उन्होंने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम, कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, क्षय नियंत्रण कार्यक्रम आदि की गहन समीक्षा की तथा पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बच्चों का बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक में एस.डी.एम. हरेश मण्डावी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्ञानेश चौबे, सिविल सर्जन डॉ. एस.पी. केसरवानी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. रीनालक्ष्मी सहित खण्ड चिकित्सा अधिकारी आदि मौजूद थे।
[स्रोत- घनश्याम जी. बैरागी]