राजगढ़ (सादुलपुर) में गणगौरी तीज पर नगरपालिका द्वारा आयोजित गणगौर सवारी शानदार तथा मनमोहक रही। 20 मार्च की शाम को चैयरमेेन जगदीश बैरासरिया के गौर पूजन के साथ पारम्परिक सवारी शुरू हुई, तो गणगौर माता के दर्शन धोक करने वालों की भी भीड़ उमड़ पड़ी।सवारी में जहां सजी धजी श्रृंगारयुक्त बीकानेर रियासत काल की गणगौर प्रतिमा थी, तो घोड़े तथा सजे ऊंट के साथ जीवन्त झांकियां भी शामिल थी। महाराणा प्रताप चैक के सादुलपुर अखाड़े के कलाकार भी ढ़फ चंग नगाड़े के साथ अपनी मंडली सहित मौजूद थे, जिन्होने ऐसा शमा बनाया कि लोगों के साथ साथ स्वयं चैयरमैन भी झूम उठे।
मुख्य मार्गों से होती हुई सवारी ऐतिहासिक गणगौर मेला स्थल पहूंची, जहां पर भी बाहर से बुलाए गए कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी, जो देर शाम तक चलती रही। गणगौर मेला आयोजन समिति की और से जगदीश लुहारीवाला सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने चैयरमेन बैरासरिया, पार्षद गण रामसिंह प्रजापत, दराज खां सोलंकी सहित शेखर पांडिया, जयवीर ढ़ाका, एडवोकेट ज्ञानीराम, सुरेश प्रजापत आदि का स्वागत किया।
चैयरमेन ने सादुलपुर अखाड़े के संयोजक आदि का अभिनन्दन किया। चैयरमेन ने सभी का स्वागत आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे पर्व हमारी विरासत ही नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी को संस्कार तथा प्रेरणा भी देने वाले होते हैं।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]