राजगढ़ (सादुलपुर) में जसकरण सुराणा हवेली में 29 मार्च को भगवान महावीर जन्म कल्याणक समारोह तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य श्री महाश्रमण की शिष्या साध्वी श्री प्रसन्नरती के सान्निध्य में मनाया गया।
इस अवसर पर अपने उदबोधन में साध्वी प्रसन्नरती ने कहा कि – भगवान महावीर द्वारा प्रतिपादित सिद्धान्त अनेकान्त तथा अहिंसा के आंशिक अनुकरण मात्र से वह बदलाव संभव हो सकता है, जिससे अशान्त विश्व को शांति की राहत मिल सकती है। उन्होंने कहा कि यदि हिंसात्मक वातावरण, आतंकवाद, अलगाववाद की समस्या से छूटकारा पाना है तो सर्व समाज को भगवान महावीर के इन सिद्धान्तों पर गौर करते हुए प्रतिष्ठापित करना होगा।
राजगढ़ तेरापंथ महिला मंडल तथा कन्या मंडल के मंगलाचरण एवं महावीर स्तुति गान से आरम्भ हुए समारोह में साध्वी अमित यशा, साध्वी कारूण्य प्रभा, साध्वी सुमेधाश्री तथा साध्वी भव्य यशा ने पृथक पृथक विचार व्यक्त किए। साध्वीवृन्द ने महावीर के जीवन दर्शन के साथ बढ़ रही एकान्तवादी प्रवृति, पर्यावरण तथा जल संरक्षण तथा अभय दान भावना की व्याख्या की।
कार्यक्रम में जहां पांच एवं छः साल की बच्चियों निष्ठा श्यामसुखा तथा महक बोथरा काव्य प्रस्तुतियां प्रभावी रही, वहीं कन्या मण्डल की चन्दन बाला के हाथों भगवान महावीर का पारणा नाटिका तथा महिला मंडल की महावीर जन्मोत्सव की जीवन्त झांकियों ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया और समारोह स्थल ॐ अर्हम के नाद से गुंज उठा।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा की और से उप मंत्री श्याम जैन ने सभी का अभिवादन करते हुए आवश्यक जानकारियां दी तथा यहाँ की श्राविका रतनी बाई बैंगाणी एवं श्रीडूंगरगढ़ की सोनादेवी कुंडलिया के वर्षीतप पारणे का आयोजन राजगढ़ में करवाए जाने का निवेदन साध्वी से किया। जैन ने शासनसेवी के सम्मान प्राप्त श्रावक बच्छराज श्यामसुखा का सम्मान समारोह आयोजन की बात भी समाज के समक्ष रखी।
इस अवसर पर सादुलपुर तेरापंथ महिला मंडल की सदस्याओं सहित अणुव्रत समिति के मंत्री कमल बोथरा तथा तारानगर से आए उपासक ताराचन्द ने भी विचार व्यक्त किए। उपस्थित सभी जनों ने पर्यावरण एवं जल संरक्षण के साथ साथ यथासंभव अभयदान भावना की संकल्पाभिव्यक्ति की।
इससे पूर्व प्रातः अहिंसा संदेश रैली का आयोजन हुआ, जिसमें सभी आयु वर्ग के नर नारियों ने शिरकत की। हाथों में पंचरंगे जैन ध्वज लिए किशोर किशोरियां तथा युवा वर्ग अहिंसा अनेकांन्त का संदेश देने का प्रयास कर रहे थे। इन समारोहों में नथमल हीरावत, राजेन्द्र श्यामसुखा, जीवनमल गधैया, पीयूष सुराणा आदि की सहभागिता रही।
संस्कार निर्माण शिविर – महावीर जंयती के अवसर पर आयोजित त्रि दिवसीय संस्कार निमार्ण शिविर भी जसकरण सुराणा में हवेली में आरम्भ हुआ। शिविर में 26 किशोर किशोरी शामिल हुए हैं। साध्वी अमित यशा एवं संगीत प्रभा के दिशा निर्देशन में उक्त शिविर रविवार शाम को सम्पन्न होगा।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]