इन्साफ मांगता गरीब
प्रस्तुत पक्तियों में कवियत्री दुनियाँ से ये पूछ रही है कि जैसे अमीरों की तनख़्वाह में बढ़ौतरी होती हैं, वैसे गरीबों को तनख़्वाह क्यों...
समय के महत्व को समझें
प्रस्तुत पक्तियो में कवियत्री दुनियां से याचना कर रही है कि वह समय की कीमत को समझे. दुनियां ये जाने की समय बहुत ही...
शादी – एक जन्मों जन्मांतर का रिश्ता
प्रस्तुत पक्तियों में कवियत्री समाज से याचना कर रही हैं कि वह शादी की गहराई को समझे, शादी दो इंसानो की नहीं होती, बल्कि...
घमंडी और ज्ञानी में अंतर
प्रस्तुत पक्तियों में कवियत्री ज्ञानी जनो के गुणों का वर्णन कर रही है। वह चाहतीं हैं ये दुनियाँ जानें, ज्ञानी वो नहीं जो घमंड...
तुमसे जो ऑंखें थी
तुमसे जो ऑंखें थी,
वो बस रही है यही.
तुम यु ही ज़िंदा हो ,
इन् लफ़्ज़ों में कही .
होती जो तुमसे थी,
बातें वो ही, तो थी
अब...
नारी की शक्ति की भी प्रशंसा करो
प्रस्तुत पक्तियों में कवियत्री समाज से याचना कर रही है की नारी को उसका सम्मान वापस दिया जाये, नारी जो एक शक्ति हैं जो...
एग्जाम्स का समां
एग्जाम्स आए तो सब स्टूडेंट्स घबराए,
घर पर अब परिवार भी हो गए पराए
दिमाग में अब पढ़ाई के चिट्ठेे फहराएं।
गॉसिप, मूवीज़ बंद हो गई,
किताबों के...
धोखे और आत्मविश्वास
प्रस्तुत पक्तियों में, कवियत्री दुनियाँ को खुदपर विश्वास करने की प्रेरणा दे रही है। अपनी कविता के ज़रिये वो दुनियाँ को बताना चाहती हैं...
घमंड ना कर
इन पक्तियों के ज़रिये कवियत्री दुनियाँ को घमंड ना करने का उपदेश दे रही हैं। वह चाहतीं है कि दुनियाँ ये समझे की समय...
अर्जी ए खुदाया
खुदा की खुदाई ना समझ पाए,
ये मेरा है भी या नहीं?
अब तक समझ न पाए।
बना कर रास्ते मेरे लिए,
क्यों खुद ही मिटा देता है?
अब...