चूरू जिले में प्रेरको ने सरकार के चार साल पूरे होने से पूर्व काला दिवस मनाया। प्रेरको ने खुद को नियमित करने तथा उन्हें पूर्णकालिक करने सहित अपनी अनेक मांगो को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपकर विरोध प्रर्दसन करते हुए रैल्ली निकली जिसमे “जो रोज़ी-रोटी न दे सके…वो सरकार निक्कमी है” के नारे लगाये।प्रेरक संघ के चूरू ब्लॉक अध्यक्ष ने इस रैल्ली में आये प्ररेको को सबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में साक्षरता की अलख जगाने वाले दीपक में प्रेरणा की बाती डालने वालों पर अब संकट आ चुका है। कभी ग्राम पंचायतों में साक्षर भारत अभियान के तहत लोगो को शिक्षा देने वाले प्रेरको की आज सरकार को जरूरत नहीं है। कभी जिन प्ररेको ने राजस्थान को शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाई, उन प्ररेको की आज सरकार को जरूरत नहीं है।
चूरू ब्लॉक प्रेरक अध्यक्ष ने काव्यात्मक रूप से मुख्यमंत्री का विरोध करते हुए कहा कि “उलटी तेरी गंगा बह री…सूखे नाले कह जाते है। माटी के जहा जलते चूल्हे…टीले भी वहां ढह जाते है। स्याणी रे…अध्यस्यनी बावली म्हाने क्यों मरवावन लागी।” जिस पर मौजूद लोगो ने बहुत ही ज्यादा प्रतिकिर्या दी।
आगे अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि आज डॉक्टर, गिरदावर हम सब हड़ताल पर है, हमे अपने हक के लिए एक होकर लड़ना होगा और मुख्यमंत्री तक अपनी मांगों को पहुचाना होगा। प्रेरक संघ के पदाधिकारियों ने चेताया है कि अगर नहीं मांगों पर ध्यान नहीं दिया आंदोलन बढ़ाया जाएगा।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]