राजस्थान के चर्चित एनकाउंटर जिसने राजनेताओं से लेकर पुलिस अधिकारियो तक को जेल की हवा खिला दी थी। इस एनकाउंटर के होने के बाद इस एनकाउंटर को फर्जी बताया गया था। पर कल जयपुर की एडीजे-14 में न्यायधीश रमेश जोशी के फैसले ने इस एनकाउंटर के 14 आरोपियो को बरी कर दिया। 23 अक्टूबर 2006 को हुए इस एनकाउंटर में करीब 11 साल बाद ये फैसला आया है, जिसमे आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया गया है।
इस फैसले से पुलिस का मनोबल बढ़ा :- राजेंद्र राठौड़
दारा एनकाउंटर के दाग झेल चुके राजस्थान के ग्रामीण एवम पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कोर्ट के इस फैसले के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कोर्ट के इस फैसले के बाद पुलिस प्रशासन का मनोबल बढ़ा है। आखिर आवंम तक फेसला पहुच गया है, की एनकाउंटर फर्जी न होक सही था।
आगे पीछे की सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि उस समय की तत्कालिन सरकार ने राजनेतिक प्रतिषोध लेने के लिए एक बड़ी एजेंसी का दुरुपयोग करते हुए, इस एनकाउंटर को फर्जी एनकाउंटर देने का प्रयास किया परंतु वो सफल नही हो सके। आज कोर्ट से फैसला आ ही गया है।
ये 14 आरोपी हुए बरी :-
एडीजी ए पौनुचामी, एडी. एसपी अरसद अली, इंस्पेक्टर सत्यनारायण गोदारा, इंस्पेक्टर निसार खान, इंस्पेक्टर नरेश शर्मा, इंस्पेक्टर सुभाष गोदारा, सब इंस्पेक्टर राजेश चौधरी, सब इंस्पेक्टर जुल्फिकार, सब इंस्पेक्टर सुनील भारद्वाज, सब इंस्पेक्टर सुरेन्द्र सिंह, रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर मुंशीलाल, हेड कॉन्स्टेबल बद्री प्रसाद, हेड कॉन्स्टेबल जगा राम, ड्राइवर सरदार सिंह
[स्रोत- विनोद रुलानिया]