23 मार्च को तारानगर तहसील के गांव धीरवास बड़ा में प्रताप सहारण(जैलदार) के घर पर युवा एवं बुजुर्गों के मध्य भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस 23 मार्च पर चर्चा हुई साथ ही, इस बैठक के शुरू होने से पहले सभी ने मिलकर भगत सिंह, राजगुरु,सुखदेव की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके श्रदांजलि दी।Shaइस मौके पर हुई बैठक की अध्यक्षता धीरवास बड़ा ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच साहबराम सहारण ने की। इस बैठक में गांव के सैकड़ो युवा-बुजुर्गों मौजूद रहे। इस बैठक को सबोधित करते हुए साहबराम सहारण ने कहा कि हमे भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के विचारों को समझ कर अपनाकर उन्हें दैनिक जीवन में उतारना पड़ेगा तभी हम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को सच्ची श्रदांजलि दे पाएंगे।
उन्होंने इस अवसर पर अपने दैनिक जीवन के अनेक उदाहरण देते युवावस्था को परिभाषित किया। इस अवसर पर उन्होंने एक बार के बस कंडक्टर के साथ कुछ युवाओ द्वारा अभद्रता करने से लेकर उन युवाओ द्वारा माफ़ी मांगने तक का किस्सा सुनाया।
इस बैठक को सुरेन्द्र थेंच ने सबोधित करते हुए कहा कि आजकल सोसल मीडिया पर एक सन्देश भेजा जाता है,जिसमे भगत सिंह और महात्मा गांधी की आपस में तुलना की गई है। जो बिलकुल गलत है। आज़ादी में हर किसी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इस मौके पर रामलाल जी मास्टर ने भी सहीदो पर विचार व्यक्त किये,युवा विकास जैलदार ने भी इस मौके पर विचार व्यक्त किये और मास्टर जी के साथ-साथ पुनमचन्द(पूर्व संरपच), रामलाल शर्मा, नोरगंलाल, भंवरलाल शर्मा(आपणी योजना अध्यक्ष), मोहरसिह नाई मनोहरलाल तिलोकाराम इन्द्रचन्द वेदप्रकाश सहारण ओमप्रकाश भाम्भू बलवीर सोनी रामेशवर लाल सत्तार व यूवा शक्ती एव अन्य समस्त ग्रामवासी धीरवास बड़ा मौजूद रहे।
स्रोत- विनोद रुलानिया