तारानगर में 22 दिसम्बर को किसान सभा के आह्वान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तहसील कार्यलय के सामने “डेरा डालो-घेरा डालो” आंदोलन के लिए किसान एकत्रित हुए थे। उन किसानों को के लिए आज का दिन खुशियाँ लेकर आया। कल से तहसील कार्यलय के सामने बैठे किसानों को देखकर प्रशासन को कुछ होश आया और आज स्थानीय मागो को मान लिया गया।किसान नेता निर्मल कुमार प्रजापत ने बताया कि स्थानीय मुद्दों पर सहमति बनी है। जिसमे से किसानों की निम्न बातों को मान लिया गया है-
1. बैंको में ज्यादा लगाया गया ब्याज जनवरी माह में कम कर दिया जाएगा।
2. मनरेगा कार्य पंचायत समिति क्षेत्र के सभी गांवों में शुरू कर दिया जाएगा। सभी मजदूरों को 6 नम्बर फॉर्म भरकर पंचायत में जमा करवाने है।
3. गांव बुचावास में पेयजल आपूर्ति तीन सप्ताह में तारानगर के आस पास अवैध कनेक्शन हटा कर बहाल कर दी जाएगी।
4. गांव कोहिणा, मदावास, बास सारायण, सरायण गांवों के लिए अलग से उच्च जलाशय(टंकी) बनाकर पेय जल आपूर्ति की जाएगी।
5. नहर के डिग्गी निर्माण हेतु अवाप्त कृषि भूमि के मुआवजा प्रति बीघा 7 लाख रुपये या सिंचित कृषि भूमि की DLC दर के अनुसार देने के लिए राज्य सरकार को लिखा जाएगा।
6. डिग्गी निर्माण के लिये रुका हुआ बजट स्वीकृत हो चुका है।
7. बिजली के कम वोल्टेज के कारण गांव भनीण व बुचावास में 100 का ट्रांसफार्मर 3 दिन के अन्दर अन्दर लगा दिया जाएगा।
8. बिजली बिलों में LED बल्ब के जुड़ कर आने वाले 95 रुपये सभी उपभोक्ताओं के कम कर दिए जाएंगे।इन मांगों को लेकर जारी रहेगा आंदोलन-
1.खरीफ़ 2016 व रबी 2016-17 का फसल बीमा क्लेम किसानों को तुरंत दिया जावे। प्रशासन की तरफ से मिले आश्वासन के अनुसार अगले सप्ताह प्रशासन,बीमा कंपनियां, बैंक, किसान प्रति निधियों, के साथ बैठक बुलाई जाएगी।
2. वर्ष 2014 से लेकर अब तक अतिरिक्त लिया गया प्रीमियम वापस किसानों को बीमा कंपनीयों से दिलवाया जावे।
3. चौधरी कुम्भाराम आर्य लिफ्ट नहर का घटाया गया रकबा जोड़ा जावे।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]