व्यवहार का शस्त्र

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ऐसा नहीं है कि हम हमेशा ही गलत होते है लेकिन फिर भी कभी-कभी शांति बनाये रखने के लिए समझदार को ही हमेशा ये सोचना पड़ता है शायद मुझमे ही कुछ कमी है मुझे खुदको और सुधारना चाहिये और कुछ व्यक्ति ऐसे होते है जिन्हे लगता है बस वो ही ठीक है उन्हें खुदमे परिवर्तन की कोई ज़रूरत ही नहीं दिखती।

व्यवहार का शस्त्र

याद रखना दोस्तों एक अच्छा व्यवहार कायम रखना बहुत ही मुश्किल कार्य है क्योंकि ये मन बड़ा ही चंचल है एक पल हम खुश होते है तो दूसरे ही पल दुखी होजाते है लेकिन खुदको हर हाल में समेटे रखना बहुत मुश्किल होता है हम इंसान केवल कोशिश कर सकते है खुदको सुधारने की क्योंकि ऐसा करके खुदको वा दूसरों दोनों को शांति मिलती है।खुदको बदलना एक दिन का कार्य नहीं ये तो जीवन भर की क्रिया है।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

व्यवहार का शस्त्र ऐसा है,
जो पत्थर को भी पिघला सकता है.
अपने व्यवहार को भूल,
सबको दूसरे का व्यवहार ही क्यों बुरा लगता है.
हमने जो बोया वोही पाया.
अपने व्यवहार को भूल,
क्यों हमेशा दूसरे का गलत व्यवहार ही हमको याद आया.
खुदको बदलने का विचार जो आता.
ज़िन्दगी के दुखो की ठोकरे फिर मैं इतनी ना खाता.
मेरे गलतियों की गहराई का सच,
फिर मेरे अपनों को भी समझ में आता.
मुझे सुधरने का एक मौका,
फिर दूसरा भी मुझको दे पाता.
खुदको महान समझ शायद मैंने ही,
दूसरों का दिल दुखाया.
अपने व्यवहार को ठीक कर,
क्यों ना मैंने खुदको अंदर से सजाया.

धन्यवाद

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