देश की पांच सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध किए जाने के फैसले को मंजूरी मिल गई है, अब देश की पांच इंश्योरेंस कंपनियां न्यू इंडिया अश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस एंड जनरल इंश्योरेंस कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हो गई हैं,अब सरकार की हिस्सेदारी 100 फीसदी से घटकर 75 फीसदी रह जायेगी, लेकिन सरकार ने एलआईसी को इससे दूर रखा है.
सरकार ने 2016-17 के बजट में इस योजना की घोषणा की थी इस प्रस्ताव को 18 जनवरी 2017 में पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंजूरी मिली, बैठक में मंत्रिमंडल ने नए शेयर जारी कर या ऑफर फॉर सेल के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों की सूचीबद्धता के प्रस्ताव को मंजूरी दी, इन कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी धीरे-धीरे घटकर 100 प्रतिशत से 75 प्रतिशत पर आ जाएगी, सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों में सार्वजनिक हिस्सेदारी से उच्च स्तर की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सकेगी, सरकार ने विदेशी बीमा कंपनियों को संयुक्त उद्यमों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने की अनुमति दी है, इससे पहले सिर्फ 26 प्रतिशत के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति थी, देश में कुल 52 बीमा कंपनियां परिचालन कर रही हैं, जिसमें से 24 बीमा और 28 साधारण बीमा क्षेत्र में हैं.
देश में इंश्योरेंस इंडस्ट्री अभी भी शुरुआती दौर में है भारत में सिर्फ 3.3 पर्सेंट लोगों के पास इंश्योरेंस पॉलिसी है, जबकि थाईलैंड जैसे देश में 6 प्रतिशत के साथ इस मामले में आगे है, लाइफ इंश्योरेंस की ग्रोथ 8-9 प्रतिशत है, वहीं जनरल इंश्योरेंस 13-15 प्रतिशत सालाना की रफ्तार से बढ़ रही है ऐसे में इंश्योरेंश कंपनियों को मुनाफे में आने में समय लगता है.
इससे पहले बीमा क्षेत्र में एफडीआई को लेकर काफी विवाद हो चुका है अब सरकार ने जनरल इंश्योरेंस के जरिए सरकारी बीमा कंपनियों को बाजार में लाने का फैसला किया है