जैसे युद्ध से पहले रणभूमि में महारथी इकट्ठा होते हैं कुछ वैसी ही तस्वीर इस वक्त बनारस की है.
राजनीति का कौन सा महारथी इस वक्त बनारस में नहीं है सबसे ज्यादा योद्धा तो बीजेपी ने बनारस में खड़े कर दिए हैं.. मकसद है किसी भी कीमत पर काशी की लड़ाई जीतनी है, बनारस की बाजी जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है.. क्योंकि बनारस बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई है, ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट है.
दो चार नहीं करीब करीब केंद्र के सारे बड़े नेता और मंत्री इस वक्त डेरा जमाए हुए हैं काशी की धरती पर, राजनाथ सिंह, अमित शाह, पियूष गोयल, भूपेंद्र यादव, जेपी नड्डा, मनोज सिन्हा, महेंद्र नाथ पांडे, कलराज मिश्र, नरेंद्र तोमर पिछले कई दिनों से यहां डेरा जमाए हुए हैं, इनके साथ स्मृति ईरानी, उमा भारती रविशंकर प्रसाद, मनोज तिवारी, अरुण जेटली हर दूसरे दिन मतदाताओं के दिलो दिमाग में दस्तक दे रहे हैं, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और संतोष गंगवार भी घूम घूम कर बीजेपी की जमीन तैयार कर रहे हैं
प्रधानमंत्री खुद वाराणसी की लड़ाई में सबसे आगे हैं, वाराणसी में 3 बड़ी सभाएं रखी गई हैं पीएम मोदी की, पीएम मोदी 4 और 5 मार्च को वाराणसी में सभा करेंगे, 5 मार्च की रात वाराणसी में रुक भी सकते हैं पीएम, 4 मार्च की शाम काशी विश्वनाथ के दर्शन के बाद रैली करेंगे, 5 मार्च को पीएम मोदी दक्षिण वाराणसी विधानसभा में रैली करेंगे, एक तरफ बीजेपी दूसरी तरफ समाजवादी और कांग्रेस का गठबंधन पीएम मोदी को उन्हीं के संसदीय क्षेत्र काशी में घेरने के लिए राहुल और अखिलेश भी रणनीति भी बना रहे हैं.
4 मार्च को बनारस में राहुल और अखिलेश अपनी ताकत दिखाएंगे, लोकसभा में चली मोदी की लहर को रोकने के लिए एसपी के भी कई नेता बनारस में डेरा जमाए हुए हैं..