नोएडा यातायात पुलिस ने एक अलग ही तूल पकड़ रखा है जिसके चलते उन्हें बस केवल अपने आराम से मतलब है. कोई भी यातायात पुलिसकर्मी दोपहर में रेड लाइट पर खड़ा होना पसंद नहीं करता चाहे सड़कों पर वाहन कीड़े की तरह रेंगते रहे. आज भी नोएडा सेक्टर-19 रेड लाइट पर कोई भी यातायात पुलिस वाला दिखाई नहीं दिया जिसके चलते राहगीरों को परेशानियों का काफी सामना करना पड़ा.
यातायात पुलिस ने होने के कारण कोई भी यातायात नियमों का पालन नहीं कर रहा है हर किसी को अपनी गाड़ी निकालने की जल्दी है और उसी जल्दी के लिए प्रत्येक व्यक्ति यातायात नियमों को तोड़ रहा है जिसका जिम्मेदार कोई और नहीं केवल यातायात पुलिस है सरकार द्वारा यातायात पुलिस का गठन इसलिए किया जाता है कि जनता द्वारा यातायात नियमों का पालन करा सकें और राहगीरों को सड़क पर हो रही परेशानियों से बचा सके.
मगर नोएडा यातायात पुलिस कर्मियों को गर्मी इतनी लगती है कि दोपहर के समय कोई भी यातायात पुलिसकर्मी सड़क पर खड़ा होना पसंद नहीं करता जैसे-जैसे दोपहर ढलता है शाम आती है तो यातायात पुलिस वाले भी सड़कों पर नजर आने लगते हैं उससे पहले चाहे सड़क पर कितना भी जाम हो उन्हें कोई मतलब नहीं.
इसी के चलते रोज सड़कों पर जाम लगा रहता है प्रशासन आंख बंद करके तमाशा देखता रहता है केवल नोएडा सेक्टर-19 ही नहीं सेक्टर-18 से पहले जो रेड लाइट है उस पर भी कोई यातायात पुलिसकर्मी नजर नहीं रखता जिस कारण हर कोई जल्दी घर जाने की सोचता है और यातायात नियमों का उल्लंघन करता है परिणाम स्वरुप सड़क पर भीड़ व्याप्त हो जाती है.
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इस प्रकार की समस्याएं ना केवल भीड़ का कारण बनती है बल्कि कई बार देखा गया है कि इस प्रकार की अनदेखी भी बड़े-बड़े हादसों को जन्म दे जाती है. लगता है पुलिस प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है और इंतजार कर रहा है सड़कों के लाल होने का क्योंकि Google मैप पर ट्रैफिक वाली लाइन तो रोजाना ही लाल रहती है और बताती है कि नोएडा यातायात पुलिस किस प्रकार निकम्मी हो चुकी है.
[स्रोत-विकास कुमार]




















































