बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर बिहार की राजनीति में हो रही खींचतान इस चरम पर पहुंच गयी कि सीएम नीतीश कुमार ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया.
किसको मालूम था कि बिहार की जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस की महागठबंधन सरकार का ये हाल होगा. जी हां 26 जुलाई 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया. बिहार के इस महागठबंधन में पिछले कुछ समय से बहुत उतार-चढ़ाव आये. जहाँ लालू प्रसाद ये कहते है कि उनका बेटा तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देगा और कह रहे थे कि नितीश ने तेजस्वी के इस्तीफे कि कोई मांग हीं की तो वहीं भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी को लेकर नितीश तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
तेजस्वी यादव का भी यही कहना था कि महागठबंधन जनता द्वारा चुना गया और जब इस्तीफे कि बात ही नहीं हुई तो इस्तीफा देना का सवाल ही नहीं उठता. इससे पहले हुई आरजेडी की बैठक में लालू प्रसाद यादव ने ये साफ़ कर दिया था कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे और साथ ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए बोले कि बीजेपी की नितीश पर लार टपक रही है.
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जेडीयू के सूत्रों का कहना था कि मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने तेजस्वी यादव को इस्तीफा देना को कहा और आरजेडी की और से उनकी इस मांग को नकार दिया गया. आज 26 जुलाई दिन बुधबार को नितीश कुमार ने गवर्नर को इस्तीफा दे दिया.
नितीश के इस फैसले की भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने ट्विटर के जरिये सराहना की और कहा “भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई. सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं”
देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक होकर लड़ना,आज देश और समय की माँग है
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2017
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई।
सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2017
क्या नितीश को मिलेगा बीजेपी का साथ या फिर आरजेडी उनको महागठ्वंधन में फिर से शामिल करने की कोई कोशिश करेगा.