10 दिसंबर को चूरू के RCHO डॉ. सुनील जांदू ने एक महत्वपूर्ण एवं आवश्यक जानकारी देते हुए बताया कि चूरू जिले मे पिछले दो वर्षों में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जाँच दौरान चुरु ज़िले में विशेषकर राजगढ़ व तारानगर में पाँच ऐसे बच्चे सामने आए, जो न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट से पीड़ित थे (जो फोटो में है,वह भी चुरु का ही बच्चा है)।
यह बच्चों में होने वाली जन्मजात बीमारी है, जो माँ के गर्भ में पल रहे बच्चें में लगभग तीसरे हफ़्ते के बाद बनने वाली ने न्यूरल ट्यूब के सही प्रकार से नही बनने के कारण होती है! ट्यूब के बंद नही होने के कारण यह स्थिति हो जाती है ,जो बच्चे के जीवन के लिए बड़ा ख़तरा है।
इसके कई कारण है लेकिन एक मुख्य कारण गर्भवती के शरीर में फ़ोलेट की कमी होना है। अगर गर्भवती को गर्भधारण के पहले तीन माह में फ़ॉलिक ऐसिड की टेबलेट रोज़ दी जाए तो इससे बचा जा सकता है।
ध्यान दे गर्भावस्था में चार तरह की टैबलेट हर गर्भवती के लिए आवश्यक है-
1. प्रथम तीन माह तक फ़ॉलिक ऐसिड
2. तीन माह के बाद रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा अनुसार iron-folic acid व कैल्शियम की टैबलेट
3. पाँचवे माह में केवल एक टैबलेट albendazole
आगे डॉ जांदू बताते हुए कहते है कि गर्भावस्था शुभअवसर है घर आँगन में एक नन्हें मेहमान के आगमन का, एक छोटी सी लापरवाही माँ-बच्चें के जीवन के लिए बड़ा ख़तरा हो सकती है। समय पर प्रसव पूर्व सेवाओं का लाभ ले और इसके लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हम गुणवत्ता पूर्वक प्रसव के लिए हर महीने की 9 तारीख को जागरूकता अभियान,जाँच शिविर का भी आयोजन करते है।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]