सबसे पहले आप सभी को दिवाली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं. रीति रिवाजों और पटाखों की आवाज से भरा यह त्यौहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. दीवाली की इस चकाचौंध में हमें अपने पेट्स को लेकर सावधानी बरतने की भी बहुत जरूरत है क्योंकि पेट्स के नाक, कान और आंखें बहुत ही संवेदनशील होती हैं.
जैसा आप जानते हैं की पेट्स के नाक और कान बहुत ही संवेदनशील होती हैं तो जाहिर सी बात है कि दिवाली में होने वाले इस शोर शराबे से बहुत ज्यादा तकलीफ होती है. आपने देखा भी होगा कि किस प्रकार दिवाली के समय में पेट्स डरे और सहमे से रहते हैं या फिर आक्रामक व्यवहार करने लगते हैं.
आइए जानते हैं किस प्रकार रखें अपने पेट्स का ख्याल:
पटाखों की आवाज से रखे दूर: आप अपने पेट्स स्कोर जहां तक हो सके पटाखों से दूर रखें क्योंकि इनके कान बहुत ही संवेदनशील होते हैं और ज्यादा तेज आवाज से यह डर भी सकते हैं अगर हो सके तो उनको एक ऐसे कमरे में रखें जहां पटाखों की आवाज बहुत कम जाती हो.
दिवाली की खुशियों में शामिल करें अपने पेट्स को भी: दिवाली पर मेहमानों का आना जाना लगा रहता है अगर आपके पेट्स चंद महीनों के है तो आप उन्हें एक अलग रूम में रखने के बजाय मेहमानों से मिलवाए. ऐसा करने से आपके पेट्स को भी अच्छा लगेगा और उसका थोड़ा डर भी खत्म हो जाएगा मगर ध्यान रखें कि वह आपकी मिठाईयों को नुकसान ना पहुंचाएं.
मेहमानों के साथ-साथ पेट्स का भी रखे ख्याल: आप मेहमानों के चक्कर में अपने पेट्स को बिल्कुल ही भूल जाएं,आपको ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए , हो सके तो आप उसके साथ थोड़ा सा समय बिताएं या फिर कुछ कुछ समय के बाद आप उसके पास जाकर उससे खेलें.ऐसा करने से आपके पेट्स एक बंद कमरे में भी तनावग्रस्त नहीं होंगे.
पेट्स के लिए हानिकारक है केमिकल वाली रंगोली: जैसा की हमने पहले आपको बताया है की पेट्स की नाक बहुत ही संवेदनशील होती है ऐसे में केमिकल वाली रंगोली उसके लिए खतरनाक हो सकती है और रंग-बिरंगी रंगोली में मिला केमिकल अगर आपके पेट्स ने चाट लिया तो वह बीमार भी पड़ सकता है.
सॉफ्ट म्यूजिक का करें इस्तेमाल: जिस कमरे में आपने अपने पेट्स को रखा है उस कमरे में आप सॉफ्ट म्यूजिक चला कर भी अपने पेट्स का ध्यान पटाखों से अलग रख सकते हैं.
डॉक्टर की सलाह: अगर दिवाली के इस मौके पर आपका पेट्स आक्रामक या फिर डरा-सहमा है तो आप नजदीकी पेट्स डॉक्टर से इस मामले में बात करें.