कहते है सब कुछ कर सकती है लड़किया
फिर भी आज भी दूसरों की खुशियों के लिए जीती है यह
चंचल है अलहड़ मस्त है यह अपनी मस्ती
क्योंकि जानती है कुछ दिन की है यह खुशियां
जो मिली ह उसे चंद रोज़ पहले ही
अक्सर इनके लिए या वह लड़ी या रोई
फिर मिलती थी यह हँसी
जो आज अरसे से छाई है उसके चेहरे पर
जानती है चंद रोज की ह यह मुस्कान
फिर हो जाएगी किसी की गिरफ्त में गिरफ्तार
पर फिर भी यह उड़ान भरना नहीं छोड़ेगी
क्योंकि कहते है ना
मंजिल उन्हीं को मिलती है जिसके हौसलों में
जान होती है।