आजकल बदलते लाइफस्टाइल और वातावरणीय प्रदूषण, खान-पान में मिलावट व शुद्धता में कमी के चलते हमे कई ऐसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है.
आज हम अस्थमा की बारे में बात करने जा रहें है, जिससे ज्यादातर लोग दमा के नाम भी जानते है. अस्थमा में सांस लेने में परेशानी आने लगती है जिसके कारण हमे खांसी होने लगती है. अस्थमा एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो श्वास नलिकाओं को प्रभावित करती है. श्वास नलिकाएं फेफड़े से हवा को अंदर-बाहर करती हैं. अस्थमा होने पर इन नलिकाओं अंदर सूजन आने लगती है.
अस्थमा के रोगी को सांस फूलने या साँस न आने के दौरे बार-बार पड़ते हैं और उन दौरों के बीच वह अकसर पूरी तरह सामान्य भी हो जाता है. हालांकि अस्थमा ऐसी बीमारी है जिसको पूरी तरह तो ठीक नहीं किया सकता है. लेकिन इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. अस्थमा में छाती में जकड़न भी होने लगती है.
तो चलिए आज ऐसे पांच सुपरफूड्स के बारे में जानते है जिसके असर से अस्थमा के असर को बेअसर किया जा सकता है-
एवोकाडो
एवोकाडो में एल-ग्लुटाथियोन की मात्रा काफी अधिक होती है. जो की अस्थमा मरीजों के बहुत फायदेमंद है. एवोकाडो हमारे शरीर में सेल्स को डैमेज होने से बचाता है. इसके अलावा शरीर में विषैले पदाथो को बाहर निकल कर शिरी को स्वस्थ रखता है. एवोकाडो में मौजूद एल-ग्लुटाथियोन श्वास नलिकाएं में सुजन को ठीक करता है और क्षतिग्रस्त आंत स्वास्थ्य की मरम्मत करता है.
केला
लंदन के इंपीरियल कॉलेज में शोधकर्ताओं ने 2011 में एक अध्ययन के मुताबिक यह देखा गया की अगर दिन में एक केला खाया जाए तो यह अस्थमा के असर को कम कर सकता है. केले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है. सांस लेने में होने वाली परेशानियों को यह बढ़ने नहीं देता है. एक दिन में केवल एक केला खाने वाले बच्चों को अस्थमा के लक्षणों के जोखिम को कम कर देता है.
पानी
कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है और हम इससे नजरंदाज़ कर देते है लेकिन शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन प्रॉब्लम हो जाती है. सांस जैसी प्रॉब्लम का अहम कारण डिहाइड्रेशन भी है. क्योंकि जब शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो हिस्टामाइन का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है. जिसके कारण अस्थमा जैसी परेशानी कब हो जाती है पता ही नहीं चलता है. इसके शरीर में पानी की कमी बिलकुल न होने दें.
हल्दी
फेफड़े में सूजन और अस्थमा का दौरे पड़ने के दौरान श्वास के मार्गों को बंद करने के लिए जिम्मेदार है सूजन. लेकिन हल्दी से आप इसका इलाज कर सकतें है. क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करती है और मांसपेशियों को आराम दिलाती है, हल्दी अस्थमा के लक्षणों को काबू में रखने में एक शक्तिशाली हथियार है.
अदरक
अदरक अस्थमा से लड़ने में बहुत कारगर है. कुछ लोगों का कहना है कि एंटीहिस्टामाइन दवाओं से बेहतर काम करता है जैसे कि बेनेड्रिल वायुमार्ग को साफ करने और सूजन रोकती है. लेकिन अदरक की सबसे खास बात यह कि इसका इस्तेमाल करने से कोई भी साइड-इफ़ेक्ट नहीं होता है, जिसका अर्थ है कि आप इसे सुरक्षित रूप से रोज़ाना खाने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पेय पदार्थ में जोड़ सकते हैं.