दिल्ली-एनसीआर में बिल्डर्स करीब 1 लाख अपार्टमेंट्स 2019 तक बनाने की कोशिश में हैं. दरअसल सबको घर उपलब्ध कराने के सरकार के वादे के अनुसार बजट में सस्ते किफायती घरों को इन्फ्रास्ट्रक्चर का स्टेटस दिया गया है. जिसके अनुसार बिल्डर्स को सस्ती दरों पर कर्ज मिल जाएगा, इस का फायदा उठाते हुए बिल्डर्स कुछ सालों में सस्ते घरों के प्रॉजेक्ट्स को तेजी से पूरा करने की कोशिश में है.
सस्ते घर कैटिगरी में दूसरी बड़ी कंपनी सिग्नेचर ग्लोबस अगले साल तक 30 हजार अपार्टमेंट्स बनाने की तैयारी में है, वैसे सिग्नेचर ग्लोबल इस कैटिगरी में 7500 अपार्टमेंट्स लॉन्च कर चुका है, और अगले वित्त वर्ष के अंत तक 20 हजार अरार्टमेंट लॉन्च करने की तैयारी में है. वहीं सुपरटेक अगले कुछ सालों में एनसीआर में 40 हजार सस्ते घर लाने की कोशिश में है.
गौरसन और रहेजा बिल्डर्स दिल्ली एनसीआर में 10 हजार अपार्टमेंट बनाने की तैयारी में है, कई कंपनियों ने अपने पुराने हाउसिंग प्रॉजेक्ट्स को अफोर्डेबल हाउसिंग कैटिगरी में शामिल करने के लिए उनका साइज उसी आधार पर रखा है. डेवलपर्स इन फ्लैट्स की कीमत 15 लाख से 35 लाख रुपए तक रखने की दिशा में काम कर रहे है.
अपने शहर को छोड़ कर दूसरे शहर में नौकरी के लिए आता है जहां वह काम कर रहा है उस शहर में उसका अपना घर हो यह कौन नहीं चाहता है. ऐसे फैसले से फायदा उन खरीरदार को होगा जो कई सालों से घर का सपना पूरा की जद्दोजेहद में लगे हुए थे. और ऐसे फैसले से बायर्स के चेहरे पर खुशी होगी.
बजट में सस्ते घरों के लिए गए प्रावधानों से अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए अच्छा माहौल बन रहा है, सस्ते घर बनाने वाले बिल्डर्स और घर खरीदने वालों के लिए अच्छा समय है. और बिल्डर्स इस मौके का फायदा उठाने नहीं चूकेंगे.क्योंकि इससे बिल्डर्स और बायर्स दोनों को फायदा होगा.