प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि अच्छे इंसान को पहले लोग बुरा ही बोलते है फिर धीरे-धीरे सबको सच का पता चल ही जाता है अच्छे की विशेषता यही होती है की वो बुरा होने पर भी किसीका बुरा नहीं सोचता फिर भी अगर कोई उसका बुरा करना चाहे तो ये कायनात उसके हक़ में बोल कर उसे बचाती है।
अच्छे रास्ते पर चलने वालो को दुनियाँ में बहुत से तूफानों का सामना करना पड़ता है। पहले लोग सीधे और सच्चे लोगो का मज़ाक उड़ाते है फिर जीवन की गहराई का सच जानकार वो भी अपनी गलती का एहसास कर सच्चे इंसान का साथ देते है। ये क्रिया बहुत धीरे-धीरे होती है लेकिन इसका असर बहुत बड़ा होता है शांति और सुख कड़ी परिश्रम कर ही मिलता है।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
अच्छे को बुरा तो ये दुनियाँ दो मिनट में बना देती है।
फिर उस मासूम के हक़ में,
ये कायनात भी उसके गुनहगारों को सज़ा देती है।
ज़रूरत है सबको खुदको समझने की,
बहारी खूबसूरती को भूल अंदर से सवरने की।
तो क्या हुआ राह में मुश्किलें आती है।
उन मुश्किलों से लड़कर ही तो,
इंसान की समझमे ईश्वर की हर एक बात आती है।
आज दुखो की आंधी है तो क्या??
कल ये तूफ़ान भी ठहर जायेगा।
तेरी कलाओ का प्रदर्शन ये इस दुनियाँ को ज़रूर करायेगा।
तुझे समझने वाला, तुझसे दूर होकर भी तुझे समझ जायेगा।
ना समझ तो तुझे देख कर भी,तेरी मज़ाक ही उढ़ायेगा।
जीवन के गहरे सच का पता जब उसको समझमे आयेगा।
अपनी गलतियों को मान,एक दिन वो भी जान तुझपर लुटायेगा।
धन्यवाद