19/08/2017 को मुज़फ्फरनगर के खतौली में हुए कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना ने तूल पकड़ लिया. चारो तरफ सुरेश प्रभु के इस्तीफे की मांग की जा रही हैं. विपक्ष ही नहीं आम जतना में भी काफी रोष देखने को मिला रहा है. सोशल मिडिया जैसे ट्विटर, फेसबुक आदि पर एक ही चर्चा हैं वो हैं सुरेश प्रभु का इस्तीफ़ा.
ट्विटर पर लोग अलग अलग बाते कर रहें हैं.
जैसे ये कहते हैं कि “लाल बहादुर जी ने रेल दुर्घटना होने पर रेल मंत्री पद से तुरंत इस्तीफा दिया था, क्या प्रभु भी ऐसा कर सकते हैं.
लाल बहादुर जी ने रेल दुर्घटना होने पर रेल मंत्री पद से तुरंत इस्तीफा दिया था, प्रभु भी ऐसा कर सकते हैं, क्या??? #SureshPrabhuMustResign
— Captain (@Majha_Brigade) August 20, 2017
विपक्ष से कांग्रेस ने भी इसी बात को दोहराया और सुरेश प्रभु के इस्तीफे कि मांग की और कहा जिस प्रकार शास्त्री जी ने 1956 में इस्तीफ़ा दिया था. वैसे ही प्रभु भी इस्तीफ़ा दें.
Horrific #UtkalExpressAccident #SureshPrabhuMustResign
Lal Bhadur Shastri resigned after similar accident in Ariyalur, Tamilanadu in 1956. pic.twitter.com/CO7znvYKYK— Maharashtra Congress (@INCMaharashtra) August 20, 2017
एक यूजर ने ट्वीट के जरिये 2014 से अब तक हुए ट्रेन हादसों में मारे गए लोगो के रिकॉर्ड भी शेयर किये हैं.
This?is the Track Record
Of Modi Sarkar
Playing with Lives &
Derailing the Indian Railways#SureshPrabhuMustResign pic.twitter.com/5d5WjXiaI2— GeetV (@geetv79) August 20, 2017
जतना का प्रशासन पर गुस्सा फूटना जायज़ हैं, प्रशासन और रेल विभाग की कड़ी लापरवाही के कारण ही 23 से ज्यादा लोगो की मौत हो गयी और 80 से ज्यादा जो घायल हैं, उनमे से कुछ की हालत बहुत ही नाजुक हैं. हादसा इतना भयावह था कि देखने वालो कि रूह तक काँप उठी.
[ये भी पढ़ें : मुजफ्फरनगर ट्रेन हादसा: जातिवाद भूल सभी ने मिलकर की मदद]
डिब्बों के नीचे दबे शव और फंसे लोगो की चीखों से बस एक ही आवाज आज सामने आयी हैं वो हैं सुरेश प्रभु का इस्तीफ़ा.