प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को किसी भी कम्पनी का चुनाव बहुत सोच समझ कर करने की प्रेरणा दे रही है। आज कल बहुत सी कम्पनी खुल गई है तो यह बहुत मुश्किल होता है कि हम किस कम्पनी में काम करे। दोस्तों ये हमेशा याद रखना टीम बड़ी है इसका मतलब ये नहीं वो कम्पनी अच्छी है क्योंकि कौरव 100 थे और पांडव 5 जीत पांडव की ही हुई थी. इसलिए आप कम्पनी के सिद्धांतो को देखे और उससे ज़्यादा ज़रूरी यह देखना है कि क्या कम्पनी अपनी ही कही हुई बात को पूरा कर रही है? सफलता का एक मात्र कारण है “सच्चाई” सत्य मेव जयते।
चाहे टीम छोटी हो, आप टीम के लक्ष्य पे ध्यान दे ये देखे कि टीम ने कौन सा रास्ता चुना है अपनी मंज़िल को पाने का। बुद्ध ने कहा है सफल होना आसान है लेकिन इतिहास में नाम आये ये कर्मो पर निर्भर करता है। किसी भी कम्पनी के चुनाव में जल्दबाजी न करे और अगर आप अपना कुछ कारोबार खोलना चाहते है तो पहले आपको खुदको मज़बूत बनाना होगा। आसान है अपने फायदे के लिये दूसरों को नुकसान पहुँचाना, बहुत मुश्किल है नेक इरादों की राह में आजीवन चलते ही जाना।
आपका बॉस आपका करियर बनाता है आपकी कम्पनी नहीं इसलिए. आप अपना बॉस खुद चुने जो खुद सही दिशा में चलता है वही दूसरों को भी सही दिशा दिखाते है। कम्पनी की ईमारत को देख कर बहक न जाना, बल्कि ऐसी कम्पनी का चुनाव करना जिसके इरादे मज़बूत और नेक हो।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
कम्पनी का चुनाव, कम्पनी को देख कर नहीं,
बॉस को देख कर करना।
लक्ष्य को पूरा करने में,
तुम कभी दूसरे के साथ छल न करना।
[ये भी पढ़ें : जिओ और जीने दो]
कम्पनी का चुनाव, उसकी ईमारत को देख कर नहीं,
उसके सिद्धांतों को देख कर करना।
किसी के गलत इरादों को समझ
तुम कभी उसके संग न चलना।
कम्पनी का चुनाव, उसके प्रॉफिट को देख कर नहीं,
उसके प्रोडक्ट को देख कर करना।
सच की राह में पनपे जो,
तुम बस उसी के साथ चलना।
[ये भी पढ़ें : ग्रहणी का इस त्याग भरी नौकरी से रिटायरमेंट क्यों नहीं होता]
कम्पनी का चुनाव, उसकी टीम की संख्या से नहीं,
टीम की उपलब्धि को देख कर करना।
लाखो लोग है दुनियाँ में,
लेकिन सफलता के लिए तुम सिर्फ ईमानदार के संग चलना।