श्रीविजयनगर करणीजी नहर में सप्ताह बंदी दौरान दिखाई दिया गंदगी का आलम। कूड़ेदान की तरह हो रहा है नहर का उपयोग। अपशिष्ट पदार्थों को डाला जा रहा है रोज नहर में ।
इस प्रकार गंदा पानी पीने को कस्बावासियों व गांव देहात के लोगों को होना पड़ रहा है मजबूर। इससे पूर्व भी किसान आवश्यक कार्यवाही की मांग करते रहे हैं क्योंकि इस प्रकार नहर में गंदगी फैल रही है और गंदगी युक्त पानी पीने से किसानों को बड़ी है बीमारियों की आशंका।
[ये भी पढ़ें: श्रीविजयनगर के किसानों के द्वारा प्रशासन से नहर की सफाई की मांग]
श्रीविजयनगर के घनी आबादी क्षेत्र के लोग ही डाल रहे हैं गंदगी नहर में। जन अभियांत्रिक विभाग नहीं दे पा रहा नगर प्रशासन को सूचना। श्रीविजयनगर नगरपालिका आंखमूंदी की हालत में बनी हुई बेपरवाह। आखिर क्यों नहीं करते नज़र नहरों में फेल रही गन्दगी की तरफ अधिकारी।
आखिर क्या स्वास्थ्य खराब करना चाहते है आवाम का इस प्रकार गन्दगी युक्त पानी से, और नहरों में गंदगी फैलाई जा रही है बेखौफ। क्या स्वच्छता अभियान खत्म हो, चुका है?या सिर्फ़ फोटोशूट तक सीमित हैं। आखिर किसकी वजह से नही दिया जाता नहर में गंदगी पर ध्यान?प्रशासन क्यों है मौन?
[स्रोत- सतनाम मांगट]