सुबह उठते के बाद और रात को सोने से पहले, घर से निकालने से पहले और घर में घुसने के बाद आप सबसे पहले क्या काम करते हैं। शायद आपको हमारी अक्लमंदी पर शक हो रहा होगा, तो साहब हम ही आपको जवाब दे देते हैं। कुछ भी करने से पहले और कुछ भी करने के बाद आजकल एक काम है जो सबसे पहले किया जाता है और वो है फेसबुक पर अपना स्टेटस अपडेट करना, दूसरों के अपडेट को लाइक करना या कमेन्ट करना और कितने लोगों ने आपको अपना दोस्त बनाने की मांग करी है, उसका जवाब देना, आपने जीतने लोगों को दोस्त बनाने की प्रार्थना करी थी, उनके जवाब का इंतज़ार करना….हे भगवान …. कितना काम करना होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की आपको इतने अंजाने लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट लगातार आ रही है, तो इसमें से कितने असली हैं? तो इसका जवाब खुद फेसबुक के मालिकों की ओर से आया है।कितने नकली हैं रे सांबा :
सोशल मीडिया के दंगल के सबसे बड़े पहलवान, फेस बुक ने शनिवार एक रपट जारी करके , बड़ी शान से यह स्वीकार किया है की फेसबुक के खाते में 27 करोड़ नाम और एकाउंट नकली और फर्जी हैं। इसका मतलब यह हुआ की इस आभासी दुनिया के अन्तरिक्ष में 27 करोड़ तारे और सितारे नकली नाम, पहचान और तस्वीर के साथ आपके सामने खड़े हैं और आपको इस बात का पता ही नहीं है।
फेसबुक की ओर से जारी की गई तिमाही आय के आंकड़ों में, इनके अधिकारियों ने यह माना है की उनके इस प्लेटफॉर्म पर उनके अनुमान से दस लाख गुना से भी अधिक नकली खाते बने हुए हैं।
ब्रिटिश मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक के अधिकारियों ने 2017 की तीसरी तिमाही की रिपोर्ट में 2.1 अरब एकाउंट में से 2-3% एकाउंट नकली माने थे। जबकि इसमें से 10% एकाउंट के प्रयोगकर्ता तो असली थे लेकिन उनके बनाए हुए एकाउंट नकली थे। इसके लिए फेसबुक ने अपने खाता धारकों की संख्या में वृद्धि को आधार माना था। इसके आधार पर अब फेसबुक के अधिकारियों को लगता है की उन्हें असल और नकल में पहचान करने में मदद मिलेगी।
फेसबुक की बदली चाल:
इसके अतिरिक्त फेसबुक अपने मेसेज पोस्टिंग के तरीकों में भी परिवर्तन करने के बारे में विचार कर रहा है। हो सकता है की कुछ समय बाद आप व्यक्तिगत और व्यावसायिक पोस्टिंग को अलग-अलग देख सकेंगे। इस विधि से फेसबुक को लगता है की कुछ विशेष प्रकार के बिजनेस के विज्ञापनों में वृद्धि करने में मदद मिलेगी।
इसके लिए विश्व के कुछ देशों जैसे स्लोवाकिया, सर्बिया और श्रीलंका जैसे छह देशों में इस तकनीक को टेस्ट किया जा रहा है। इसके लिए अपनाई गई नीति के अनुसार वो पोस्ट जिसमें कसी बिजनेस का विज्ञापन नहीं होगा उन्हें सेकेन्डरी फीड में और जो पोस्ट आपके किसी फ्रेंड की ओर से या किसी विज्ञापन के लिए होगी उसको मेन फीड में रखा जा सकता है।
चुनावी डंका अब ऐसे बजेगा:
इसके अलावा पिछले महीने फेसबुक के अधिकारियों ने फेसबुक पर राजनीतिक चुनाव के विज्ञापनों को और अधिक पारदर्शी बनाने की योजना का खुलासा किया था। इसके अनुसार अब फेसबुक के यूजर्स इन विज्ञापन देने वालों की पहचान फेसबुक से मांग सकते हैं और फेसबुक उन्हें इस संबंध में सारी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाएगा।
इसके लिए जो चुनावी प्रत्याशी अपना डंका फेसबुक पर बजवाना चाहते हैं उन्हें अपने सभी जरूरी कागज फेसबुक को सौंपने होंगे।
इस योजना की शुरुआत अमरीका में होने वाले संघीय चुनाव से होगी और बाद में इस योजना को दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है ।