8 नवबंर 2016 को पीएम ने 1000 और 500 के नोट बंद किए उसके बाद से सरकार को लोगों तक नए नोट पहुंचाने के लिए काफी प्लान बनाए ताकि लोगों तक नए नोट आसानी से पहुंचे सके, लेकिन नोटबंदी के फैसले के बाद सरकार को विपक्ष की आलोचना झेलनी पड़ी, सरकार ने साफ कहा था की नोटबंदी का फैसला भ्रष्टाचार, कालधन से मुक्ति के लिए है, नोटबंदी के बाद कुछ विभाग के कामकाज बढ़ गए इसलिए सरकार नई भर्तियों की सोच रही है, मोदी सरकार जल्द ही ढाई लाख से ज्यादा पदों पर भर्तियां शुरू करेगी, कालेधन के खिलाफ सरकार की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले इनकम टैक्स विभाग को सबसे ज्यादा स्टाफ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, कहा जा रहा है कि इनकम टैक्स में खाली पदों को भरने के लिए पूर्व फौजियों को तरजीह दी जा सकती है.
नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स विभाग का कामकाज बढ़ गया है, लेकिन उतने स्टाफ नहीं हैं जितना काम का बोझ बढ़ा है, यहां पहले से स्टाफ की कमी है, इसे देखते हुए विभाग के स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाएगी और भर्ती करने वक्त डिफेंस से आने वाले लोगों को प्रथामिकता दी जाएगी, रिटायर जवानों को शामिल किया जाएगा, स्टाफ की संख्या 46000 से बढ़ाकर 80000 किया जाएगा, ये आंकड़ा मार्च 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा.
इसी तरह कस्टम और एक्साइज विभाग को 41000 अतिरिक्त कर्मचारी मिलेंगे, जिससे यहां स्टाफ की संख्या 50600 से बढ़कर 91700 हो जाएगी, लेकिन पूर्व आईएस कहते हैं कि फैसला तो अच्छा है लेकिन सभी भर्तियां 2018 तक पूरी हो जाएं इसकी उम्मीद कम ही है.
इसी तरह, मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी टैक्स कानून जीएसटी लागू करने की जिम्मेदारी वाले सीमा एवं उत्पाद शुल्क विभाग की भी श्रम शक्ति बढ़ाने की योजना है। मार्च 2018 तक विभाग के लिए 41 हजार नई भर्तियां की जाएंगी। इससे विभागीय कर्मचारियों की मौजूदा तादाद 50,600 से बढ़कर अगले एक साल में 91,700 तक पहुंचने का उम्मीद है