आखिर क्यों बच्चों की मौत का कारण बनता जा रहा है जापानी इन्सेचफेलाइटिस, जानें इसके लक्षण और कैसे करें बचाव

पूरे देश में इस समय हाहाकार मचा हुआ है, आखिर यह समझ नहीं आ रहा है कि इस गलती के लिए किसको ज़िम्मेदार ठहराया जाये, प्रशासन को या उन बच्चों की किस्मत को जिनका कोई कसूर ना होते हुए भी उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. जी हाँ गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जापानी इन्सेंफेलाइटिस के कारण 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है. दो दिनों में हुई इन मौतों ने यह सोचने पर सबको मजबूर कर दिया है कि आखिर उन्ही के साथ ऐसा क्यों हुआ है.जापानी इन्सेचफेलाइटिस

क्यों जापानी इन्सेंफेलाइटिस से ग्रस्त इन बच्चों को इसकी सजा मिली क्यों उनके लिए समय पर ऑक्सीजन गैस सिलेंडर समय पर नहीं पहुचाएं गए. हर तरफ और हर कोई इन सवालों का जवाब मांग रहा है. लेकिन सरकार पर सिर्फ शोक जताने के आलावा इन बातों का कोई जवाब नहीं है. इस हादसे ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार पर सैकड़ो सवाल खड़े कर दिए है. परन्तु कोई जवाब अभी नहीं मिला है. लेकिन अब आपको बता दें की यह बीमारी बहुत ही खतरनाक है, हम आपको इसके लक्षण और इससे बचाव कैसे किया जाये इन चीजों के बारे में बताने जा रहें है.

सबसे पहले तो आपको बता दें आखिर में जापानी इन्से.फेलाइटिस क्या है. यह एक प्रकार का दिमागी बुखार है जो वायरल संक्रमण के कारण होता है. यह एक अलग तरह का वायरस है जो मच्छर और सूअर के द्वारा फैलता हैं. इस बीमारी के फैलने का मुख्य कारण वैसे तो सुअर हैं. जैसे ही कोई भी पुरूष इसके संपर्क में आता है यह उसके बुखार उसके दिमाग पर चढ़ जाता है. इसके बाद उसकी सोचने और समझने की शक्ति खत्म हो जाती है. इस बीमारी का शिकार अधिकतर बच्चें ही होते है. यह बीमारी अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर इन तीन महीनों में ज्यादा देखने को मिलती है.

आखिर क्या जापानी इन्सेंफेलाइटिस होने के लक्षण

• अतिसंवेदनशील होना
• शारीर में कमजोरी आना और उल्टी होना
• बुखार आना और सिर में दर्द होना
• भूख ना लगना
• पागलपन के दौरे पड़ना
• लकवा मारना और स्थिति कोमा तक पहुंच सकती है
• कंपन होना
• खासतौर पर बच्चों में ऐंठन

कैसे कर सकतें है जापानी इन्से फेलाइटिस से बचाव

• समयानुसार टीकाकरण कराएं
• अपने आसपास सफाई जरुर रखें
• पानी को उबाल कर पिए
• फल और सब्जियां खाने से पहले उन्हें साफ़ पानी में जरुर धोएं
• घरों के आसपास बारिश के मौसम में पानी को जमा ना होने दें
• मच्छरों से बचाव के लिए उचित इंतजाम करें

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