प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि कभी किसीकी सुन कर किसी के लिए गलत धारणा मत बनाना जब तक आप खुद उस इंसान को गलत करता ना देखे क्योंकि अगर कोई किसी के लिए अच्छा है तो वो ही इंसान किसी और के लिए बुरा हो सकता है।
इस कविता के ज़रिये कवियत्री अपनी ये बात भी रखना चाहती है कि कभी-कभी जो हमारे पास होता है हम उसे छोड़ अपनी तुलना दूसरो से करने लगते है ये सोच बहुत ही गलत है क्योंकि सबकी परिस्थिति एक जैसी नहीं होती आपके और आपके अपनों के पास जो भी है आप उसमे अपनी मेहनत और लगन से उसमे कामयाबी हासिल करे। आप अपने और अपनों को मौका तो दिजिये खुदको साबित करने का. अगर ऐसा शांति से होजाये तो पूरा परिवार एक साथ सुख का आनंद उठा सकता है क्योंकि खाली कहने से कुछ नहीं होता करके दिखाओ।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
सच कभी बातो से नहीं,
इंसान के व्यवहार से झलकता है।
पहले दुखा कर किसी का दिल,
फिर इंसान उसकी पुन: प्राप्ति के लिए तरसता है।
क्यों बिन बात पर पहले कोई किसी पर बरसता है??
हम चाहे तो शांति से अपना जीवन जी सकते है।
मगर अपनों को छोड़,
सबको दूसरे ही क्यों अच्छे लगते है??
झाँको ज़रा अपनों में उनमे भी कुछ ख़ास है।
दूर हो अपनों से,इसलिए ही नहीं शायद,
तुम्हे इस बात का एहसास है।
शांति एक दूसरे का प्रोत्साहन बढ़ाने से ही मिलती है।
सुरक्षा पाने पर ही,
एक कली भी फूल सी खिलती है।
फिर क्यों कोई उस कली को खिलने नहीं देता।
उसको वक़्त-वक़्त पर छूकर,
उसकी कड़ी परीक्षा कोई लेता।
खिलने दो उसे, वो तुम्हे सुख ही पहुँचायेगी।
खिलके एक दिन वो भी, इस दुनियाँ में अपना नाम कमायेगी।
धन्यवाद